नवगीत:
ओम प्रकाश तिवारी
राजा जी की पाँचो उँगली-------------------------------- राजा जी की
पाँचो उँगली
घी में डूबी जायं ।
डूबे नगर खेत उतिराएं
जब से आई बाढ़,
जुम्मन-जुगनू सबकी ख़ातिर
बैरी हुआ असाढ़ ;
उड़नखटोले
पर राजा जी
जलदर्शन को जायं ।
सूखे सारे ताल तलैया
सूखीं नदियां-झील,
सूखे सब आँखों के आँसू
ऐश कर रहीं चील ;
राजा के घर
नदी दूध की
रानी इत्र नहायं ।
सब्जी चढ़ी बाँस के ऊपर
दाल करे हड़ताल,
परजा के चेहरे हैं सूखे
हड्डी उभरे गाल ;
राजकुमारी
वजन घटाने
की औषधियाँ खायं ।
- ओमप्रकाश तिवारीOm Prakash Tiwari <omtiwari24@gmail.com>Chief of Mumbai Bureau, Dainik Jagran 41, Mittal Chambers, Nariman Point, Mumbai- 400021Tel : 022 30234900 /30234913, blogs : http://gazalgoomprakash.blogspot.com/http:// navgeetofopt.blogspot.in/ http://janpath-kundali. blogspot.com/ Resi.- 07, Gypsy , Main Street , Hiranandani Gardens, Powai , Mumbai-76Tel. : 022 25706646
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2 टिप्पणियां:
Dr.M.C. Gupta via yahoogroups.com
तिवारी जी,
मानना पड़ेगा कि आपका अनोखा और मनभवन स्टाइल है जो समसामयिक विषयों को
खूबसुरती से उजागर करता है.
--ख़लिश
> बहुत ख़ूब तिवारी जी ,बहुत ख़ूब
> बधाई हो
> राजा जी अब ’फाईल’ खोजें
> विरोधी शोर मचाय
>
> आनन्द पाठक,जयपुर
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