कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 1 फ़रवरी 2024

१ फरवरी, उल्लाला गीत, हास्य, लालू, सॉनेट, उल्लू, माहिया, मुक्तिका, मुक्तक, कुण्डलिया



सलिल सृजन १ फरवरी








फरवरी कब?-क्या??
१ 
भारतीय तटरक्षक दिवस ४६ वाँ 

२  
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस का आयोजन आर्द्रभूमि की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिये किया जाता है।  इसी दिन वर्ष १९७१ में ईरान के शहर रामसर में कैस्पियन सागर के तट पर आर्द्रभूमि पर एक अभिसमय (Convention on Wetlands) को अपनाया गया था। विश्व आर्द्रभूमि दिवस पहली बार २  फरवरी १९९७ को रामसर सम्मेलन के १६ वर्ष पूरे होने पर मनाया गया था। 
 - आरए जागरूकता दिवस रुमेटीइड गठिया जागरूकता दिवस पीड़ित रोगियों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। 
 - सूरजकुंड शिल्प मेला २ फरवरी से १८ फरवरी २०२४ तक सूरजकुंड, जिला फरीदाबाद, हरियाणा में है। यह भारतीय लोक परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है। हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा हर साल दिल्ली के पास सूरजकुंड में आयोजित इस मेले में भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक ताने-बाने की समृद्धि और विविधता देखने को मिलती है। 

३ 
- राष्ट्रीय गोल्डन रिट्रीवर दिवस गोल्डन रिट्रीवर श्वान अपने शांत स्वभाव, बुद्धिमत्ता और चंचलता के कारण उत्सव और प्रशंसा का कारण हैं। 

४ 
- विश्व कैंसर दिवस WHO द्वारा लोगों को कैंसर बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिएमनाया जाता है। 
- श्रीलंका का राष्ट्रीय दिवस ४ फरवरी १९४८ को श्रीलंका को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। 
- ३८ वाँ अंतरराष्ट्रीय विकास सप्ताह (४ - १२ फरवरी) अंतरराष्ट्रीय विकास क्षेत्र में विभिन्न भूमिकाओं व करियर पथों संबंधी जानकारी देता है। 

६  
- महिला जननांग विकृति के प्रति शून्य सहनशीलता का अंतरराष्ट्रीय दिवस लोगों को जननांग विकृति के कारण होने वाले परिणामों और समस्याओं के बारे में शिक्षित करने के लिए मनाया जाता है।  

७  - १४  फरवरी 
- वैलेंटाइन वीक फरवरी को प्यार का महीना कहते हैं।  वैलेंटाइन वीक आरंभ ७ फरवरी से, मुख्य वैलेंटाइन डे १४ फरवरी। 

८ 
- सुरक्षित इंटरनेट दिवस इंटरनेट को सभी के लिए सुरक्षित और बेहतर जगह बनाने का आह्वान करता है। 

९ - बाबा आमटे की पुण्य तिथि  कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के पुनर्वास और सशक्तिकरण के लिए स्मरणीय। 

१० 
- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस प्रत्येक बच्चे को कृमि मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की एक पहल। 
- विश्व दलहन दिवस दालों के पोषण और पर्यावरणीय लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए। 

११
-  विश्व बीमार दिवस पोप जॉन पॉल द्वितीय द्वारा  विश्वासियों द्वारा बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए प्रार्थना करने के लिए। 
- विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस महिलाओं और लड़कियों के लिए विज्ञान तक पूर्ण और समान पहुंच और भागीदारी प्राप्त करने पर केंद्रित। 

१२ 
- डार्विन दिवस १८०९  में विकासवादी जीव विज्ञान के जनक चार्ल्स डार्विन की जयंती।  विकासवादी और पादप विज्ञान में डार्विन के योगदान पर प्रकाश हेतु ।  २०१५ में डार्विन की 'ओरिजिन ऑफ स्पीशीज़' इतिहास की सबसे प्रभावशाली अकादमिक पुस्तक चुनी गई। 
- अब्राहम लिंकन का जन्मदिन
- राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस भारत में उत्पादकता संस्कृति को बढ़ाने के लिएराष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) द्वारा। 
- विश्व रेडियो दिवस जागरूकता बढ़ाने के लिए। 

१३ 
- सरोजिनी नायडू जयंती १८७९ हैदराबाद, पिता वैज्ञानिक और दार्शनिक अघोरनाथ चट्टोपाध्याय-माँ बरदा सुंदरी देवी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष, संयुक्त प्रांत (उत्तर प्रदेश) की पहली महिला राज्यपाल। 
- अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस

१४ 
- संत वैलेंटाइन दिवस एक कैथोलिक पादरी जो तीसरी शताब्दी में रोम में रहते थे। 
- विश्व जन्मजात हृदय दोष जागरूकता दिवस

१५ 
- विश्व मानव विज्ञान दिवस आम जनता को मानव विज्ञान के बारे में शिक्षित करने के लिए। 

१७- २७  
- ताज महोत्सव

२०  
- अरुणाचल प्रदेश स्थापना दिवस
- मिजोरम स्थापना दिवस १९८७, २३ वाँ राज्य। 
- विश्व सामाजिक न्याय दिवस उद्देश्य पूर्ण रोजगार प्राप्त करना और सामाजिक एकीकरण के लिए समर्थन प्राप्त करना। 

२१ 
- अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस भाषा की विविधता और उसकी विविधता के प्रति जागरूकता हेतु। १९९९ में यूनेस्को द्वारा पहली घोषणा। 

२२  
- विश्व चिंतन दिवस १५०  देशों में गर्ल स्काउट्स और गर्ल गाइड्स द्वारा मनाया जाता है। 

२३ 
- विश्व शांति और समझ दिवस रोटरी इंटरनेशनल के उद्घाटन सम्मेलन की स्मृति में। 

२४ 
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस विभाग के कर्मचारियों को विनिर्माण व्यवसाय में भ्रष्टाचार को रोकने हेतु। 

२७ 
- विश्व एनजीओ दिवस गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संगठनों को सम्मान देने के लिए। 

२८ 
- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारतीय भौतिक विज्ञानी सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज १९२८ को चिह्नित करने के लिए। उन्हें १९३० में भौतिकी विषय में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 
- दुर्लभ रोग दिवस आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए। 
***
सॉनेट
उल्लू
*
एक ही उल्लू काफी था।
हर शाख पे उल्लू बैठा है।
केवल मन मंदिर बाकी था।।
भय कोरोना का पैसा है।।
सोहर बन्ना बन्नी गाने।
जुड़ने से हम कतराते हैं।
लाशें बिन काँध पड़ी रहतीं।।
हम बलिपंथी भय खाते हैं।।
हमसे नारे लगवालो तुम।
हम संसद में जा झगड़ेंगे।
कविताएँ सौ लिख लेंगे हम।।
हर दर पर नाकें रगड़ेंगे।।
उल्लू को उल्लू मत बोलो।
उल्लू वंदन कर यश ले लो।।
१-२-२०२२
•••
कार्यशाला
दोहा से कुण्डलिया
*
मन जब स्थिर है नहीं, तब क्या पूजा पाठ।
पढ़ा रही है जिन्दगी,सोलह दूनी आठ।। -सुनीता पांडेय 'सुरभि'
प्रथम चरण - ११ ११ ११ २ १२ = ११ मात्रा, १३ होनी चाहिए। 'स्थि' की मात्रा 'त्य' की तरह १ है।
'मन एकाग्र न हो अगर' या 'जब मन हो एकाग्र न तब' करने से अर्थ बदले बिना न्यून मात्रा दोष समाप्त किया जा सकता है।
दोहा
जब मन हो एकाग्र न तब, क्या पूजा क्या पाठ?
पढ़ा रही है ज़िंदगी, सोलह दूनी आठ।। -सुनीता पांडेय 'सुरभि'
रोला
सोलह दूनी आठ, पुत्र है पिता पिता का।
लगे गलत पर सत्य, लक्ष्य है जन्म चिता का।।
अपने गैर; गैर अपने, मन मत हो उन्मन।
सार्थक पूजा-पाठ, अगर एकाग्र रहे मन।। - संजीव
*
दोहा
आओ पर जाना नहीं, जाने का क्या काम।
नेह नर्मदा छोड़ कर, लें क्यों दूजा नाम।। -संतोष शुक्ला
रोला
लें क्यों दूजा नाम, एक जब पार लगाए।
गुरु-गोविंद प्रणाम, सिंधु भव पार कराए।।
मन में रख संतोष, सलिल नव गीत सुनाओ।
सरस भाव लय बिंब, गीत में भरकर गाओ।। - संजीव
***
माहिया
*
हो गई सुबह आना
उषा से सूर्य कहे
आकर फिर मत जाना
*
तुम साथ सदा देना
हाथ हाथ में ले
जीवन नौका खेना
*
मैं प्राण देह है तू
दो होकर भी एक
मैं प्रीत; नेह है तू
*
रस-भाव; अर्थ-आखर
गति-यति; रूप-अरूप
प्रकृति-पुरुष; वधु-वर
*
कारक किसका कौन?
जीव न जो संजीव
साध-साधना मौन
*
कौन कहाँ भगवान?
देह अगेह अजान
गुणमय ही गुणवान
*
सर्व व्याप्त ओंकार
वही एक आधार
मैं-तुम हम साकार
*
जीवन पूजन जान
नेह नर्मदा-स्नान
कर; तज निज-पर भान
*
मत अहंकार में डूब
गिरते झाड़-पहाड़
पर दूब खूब की खूब
१-२-२०२०
***
मुक्तक
शब्देश है, भावेश है, छ्न्देश मौन बसंत है
मिथलेश है, करुणेश है, कहिए न कौन बसंत है?
कांता है, कल्पना है, ज्योति, आभा-प्रभा भी
विनीता, मधु, मंजरी, शशि, पूर्णिमा बसंत है
*
वंदना है, प्रार्थना है, अर्चना बसंत है
साधना-आराधना है, सर्जना बसंत है
कामना है, भावना है, वायदा है, कायदा है
मत इसे जुमला कहो उपासना बसंत है
*
मन में लड्डू फूटते आया आज बसंत
गजल कह रही ले मजा लाया आज बसंत
मिली प्रेरणा शाल को बोली तजूं न साथ
सलिल साधना कर सतत छाया आज बसंत
*
मुश्किल से जीतेंगे कहता बसन्त हो
किंचित ना रीतेंगे कहता बसन्त हो
पत्थर को पिघलाकर मोम सदृश कर देंगे
हम न अभी बीतेंगे कहता बसन्त हो
*
अक्षर में, शब्दों में, बसता बसन्त हो
छंदों में, बन्दों में हँसता बसन्त हो
विरहा में नागिन सा डँसता बसन्त हो
साजन बन बाँहों में कसता बसन्त हो
*
अपना हो, सपना हो, नपना बसन्त हो
पूजा हो, माला को जपना बसन्त हो
मन-मन्दिर, गिरिजा, गुरुद्वारा बसन्त हो
जुम्बिश खा अधरों का हँसना बसन्त हो
*
साथ-साथ थाम हाथ ख्वाब में बसन्त हो
अँगना में, सड़कों पर, बाग़ में बसन्त हो
तन-मन को रँग दे बासंती रंग में विहँस
राग में, विराग में, सुहाग में बसन्त हो
*
श्वास-श्वास आस-आस झूमता बसन्त हो
मन्ज़िलों को पग तले चूमता बसन्त हो
भू-गगन हुए मगन दिग-दिगन्त देखकर
लिए प्रसन्नता अनंत घूमता बसन्त हो
१-२-२०१७
***
मुक्तिका
*
कौए अब तो बाज हुए
जुगनू कहते गाज हुए
*
चमरौधा भी सर चढ़कर
बोला हम तो ताज हुए
*
नाम मात्र के कपड़े ही
अब नारी की लाज हुए
*
कल के जिम्मे 'सलिल' सभी
जो करने हैं काज हुए
*
गूँगे गाते हैं ठुमरी
सुरविहीन सब साज हुए
***
मुक्तिका-
*
चुप नाज़नीं के कीजिए नखरे सभी कुबूल
वरना हिलेगी जिंदगी की एक-एक चूल
*
जो कह रहे, कर लो वही, क्या हर्ज़?, फर्ज़ है
आँखों में ख्वाब वस्ल का पल भर भी सके झूल
*
मुस्कान आतिशी मिले तो मान लेना मन
उनका हरेक लफ्ज़ बना जिंदगी का रूल
*
तकनीक प्यार की करो तकरार चंद पल
इज़हार हार का खिलाये धूल में भी फूल
*
हमने 'खलिश' को दिल में बसा सर लिया झुका
तुमने नजर चुरा 'सलिल' को कर लिया कबूल
***
मुक्तिका -
अपना रिश्ता ढहा मकान
आया तूफां उड़ा मचान
*
जिसमें गाहक कोई नहीं
दिल का नाता वही दूकान
*
आँसू, आहें, याद हसीं
दौलत मैं हूँ शाहजहान
*
गम गुम हो गर दुनिया से
कैसे ख़ुशी बने मेहमान?
*
अजय न होना युग-युग तक
विजय मिटाये बना निशान
१.२.२०१६
***
हास्य सलिला:
नीबू
*
फरमाइश मेहमान की सुन लालू हैरान
लालू पूछें: समस्या क्या है मेरी जान?
पल में हल करदूं कहो, फिर करने दो प्यार'
लाली तुनकी: 'हटो जी! बिगड़ेगा सिंगार
नीबू घर में है नहीं, रहे शिकंजी मांग
लालो नीबू या नहीं व्यर्थ अड़ाओ टांग'
लालू मुस्काये कहा: 'चिंता है बेकार
सौ नीबू की शक्ति ले आया है विम बार
दो बूँदें दो दाल फिर करो शिकंजी पेश'
लाली खीजी: 'आज लूँ नोच तुम्हारे केश?'
१.२.२०१४
***
अभिनव प्रयोग-
उल्लाला गीत:
जीवन सुख का धाम है
संजीव 'सलिल'
*
जीवन सुख का धाम है,
ऊषा-साँझ ललाम है.
कभी छाँह शीतल रहा-
कभी धूप अविराम है...*
दर्पण निर्मल नीर सा,
वारिद, गगन, समीर सा,
प्रेमी युवा अधीर सा-
हर्ष, उदासी, पीर सा.
हरी का नाम अनाम है
जीवन सुख का धाम है...
*
बाँका राँझा-हीर सा,
बुद्ध-सुजाता-खीर सा,
हर उर-वेधी तीर सा-
बृज के चपल अहीर सा.
अनुरागी निष्काम है
जीवन सुख का धाम है...
*
वागी आलमगीर सा,
तुलसी की मंजीर सा,
संयम की प्राचीर सा-
राई, फाग, कबीर सा.
स्नेह-'सलिल' गुमनाम है
जीवन सुख का धाम है...
१-२-२०१३
***

कोई टिप्पणी नहीं: