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बुधवार, 20 जुलाई 2022

सॉनेट, हिंदी गजल

[20/7, 16:09] आचार्य संजीव वर्मा "सलिल": सॉनेट 
मधुर 
मधुर मधुर मुस्कान मनोहर
है गोपाल कृष्ण कण-कण में
छलिया छिपा हुआ तृण-तृण में
नटखट नटवर धरा धरोहर

पथिक  न जिसने थकना जाना
तरुण अरुण सम श्याम सलौना 
उस बिन जीवन लगे अलौना
दुनिया दिखी मुसाफ़िरखाना

रास-हास पर्याय कृपालु
धेनु धरा धुन धर्म रसालु
रेणु-वेणु सँग रमा दयालु

धारा राधा ने अँसुअन में
राधा को धारा चुप मन में
व्यथा छिपा खंजन नैनन में 
२०-७-२०२२
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[20/7, 16:09] आचार्य संजीव वर्मा "सलिल": मुक्तिका
हिंदी गजल
सत्य की पहचान है हिंदी गजल
राम है, रहमान है हिंदी गजल

स्वेद श्रम कोशिश सफलता विफलता
मनुज का अरमान है हिंदी गजल

कथा कविता गीत वेद पुराण के
कथ्य का गुणगान है हिंदी गजल

सुर असुर नर यक्ष किन्नर आदि की
संस्कृति का मान है हिंदी गजल

देश खातिर सिर कटाती रह विहँस
शहीदी बलिदान है हिंदी गजल

नदी वन गिरि खेत पनघट डगर है
फैक्ट्री-खलिहान है हिंदी गजल

भू सलिल नभ पवन पावक सृष्टि है
दृष्टि का वरदान है हिंदी गजल

छंद रस लय अलंकारों से सजी
सुगृहणी मतिमान है हिंदी गजल

सत्य-शिव-सुंदर, सच्चिदानंद भी
ज्ञान है, विज्ञान है हिंदी गजल
२०-७-२०२२
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