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मंगलवार, 5 मई 2020

दोहा मुक्तक

दोहा मुक्तक
लता-लता पर छा रहा, नव वासंती रंग।
ताल ताल में दे रहीं, मछली सहित तरंग।।
नेह-नर्मदा में नहा, भ्रमर-तितलियाँ मौन-
कली-फूल पी मस्त हैं, मानो मद की भंग।।
५.५.२०१८

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