लघुकथा
पेट का रिश्ता
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हमेशा एक-दूसरे के विरोध में बोलनेवाले राजनेता आज एक दूसरे से सहमत थे। संसद की कुसियाँ दम थामे देख रही थीं तमाशा। नाम मात्र की चर्चा के बाद पास कर दिया गया वेतन-भत्ते दोगुने कर देने का बिल। ठगी गयी जनता देख रही थी अपने प्रतिनिधियों को जो देश और जनता के हित में काम करने की कसम भूलकर निभा रहे थे पेट का रिश्ता।
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