लघुकथा-
ठोस रिश्ता
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क्या हुआ जो तुम्हें किसी और का ख्याल आ गया। खुद को नाहक मत कोसो। हम दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं तो इसका यह अर्थ नहीं कि हम किसी और से प्यार नहीं कर सकते। प्यार भावना की नदी है जिसमें कई लोग स्नान कर सकते हैं। तुम यह बात छिपा भी सकती थीं किन्तु तुमने अप्रिय सत्य भी कह दिया। इससे पता लगता है कि हमारा प्यार लिजलिजी भावना नहीं है, यह है भरोसे की नींव पर बना ठोस रिश्ता।
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