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शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

navgeet: sanjiv

नवगीत
संजीव
.
मैं नहीं नव
गीत लिखता
   उजासों की
   हुलासों की
   निवासों की
   सुवासों की
   खवासों की
   मिदासों की
   मिठासों की
   खटासों की
   कयासों की
   प्रयासों की
कथा लिखता
व्यथा लिखता
मैं नहीं नव
गीत लिखता
.
   उतारों की
   चढ़ावों की
   पड़ावों की
   उठावों की
   अलावों की
   गलावों की
   स्वभावों की
   निभावों की
   प्रभावों की
   अभावों की
हार लिखता
जीत लिखता
मैं नहीं नव
गीत लिखता
.
   चाहतों की
   राहतों की
   कोशिशों की
   आहटों की
   पूर्णिमा की
   ‘मावसों की
   फागुनों की
   सावनों की
   मंडियों की
   मन्दिरों की
रीत लिखता
प्रीत लिखता
मैं नहीं नव
गीत लिखता

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