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रविवार, 21 फ़रवरी 2010

भाषा,लिपि और व्याकरण :

भाषा,लिपि और व्याकरण

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैअपने विचार ,भावनाओं एवं अनुभुतियों को वह भाषा के माध्यम से ही व्यक्त करता हैमनुष्य कभी शब्दों ,कभी सिर हिलाने या संकेत द्वारा वह संप्रेषण का कार्य करता हैकिंतु भाषा उसे ही कहते है ,जो बोली और सुनी जाती हो,और बोलने का तात्पर्य गूंगे मनुष्यों या पशु -पक्षियों का नही ,बल्कि बोल सकने वाले मनुष्यों से अर्थ लिया जाता हैइस प्रकार -

"भाषा वह साधन है, जिसके माध्यम से हम सोचते है तथा अपने विचारों को व्यक्त करते है। "

मनुष्य ,अपने भावों तथा विचारों को दो प्रकार ,से प्रकट करता है-
१.बोलकर (मौखिक )
२. लिखकर (लिखित)
.मौखिक भाषा :- मौखिक भाषा में मनुष्य अपने विचारों या मनोभावों को बोलकर प्रकट करते हैमौखिक भाषा का प्रयोग तभी होता है,जब श्रोता सामने होइस माध्यम का प्रयोग फ़िल्म,नाटक,संवाद एवं भाषण आदि में अधिक होता है

.लिखित भाषा:-भाषा के लिखित रूप में लिखकर या पढ़कर विचारों एवं मनोभावों का आदान-प्रदान किया जाता हैलिखित रूप भाषा का स्थायी माध्यम होता हैपुस्तकें इसी माध्यम में लिखी जाती है


भाषा और बोली :- भाषा ,जब कोई किसी बड़े भू-भाग में बोली जाने लगती है,तो उसका क्षेत्रीय भाषा विकसित होने लगता हैइसी क्षेत्रीय रूप को बोली कहते हैकोई भी बोली विकसित होकर साहित्य की भाषा बन जाती हैजब कोई भाषा परिनिष्ठित होकर साहित्यिक भाषा के पद पर आसीन होती है,तो उसके साथ ही लोकभाषा या विभाषा की उपस्थिति अनिवार्य होती हैकालांतर में ,यही लोकभाषा परिनिष्ठित एवं उन्नत होकर साहित्यिक भाषा का रूप ग्रहण कर लेती हैआज जो हिन्दी हम बोलते है या लिखते है ,वह खड़ी बोली है, इसके पूर्व अवधी,ब्रज ,मैथिली आदि बोलियाँ भी साहित्यिक भाषा के पद पर आसीन हो चुकी है। (हिन्दी भाषा के उद्भव और विकास के सम्बन्ध में यहाँ देखें। )


हिन्दी तथा अन्य भाषाएँ :- संसार में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैजैसे -अंग्रेजी,रुसी,जापानी,चीनी,अरबी,हिन्दी ,उर्दू आदिहमारे भारत में भी अनेक भाषाएँ बोली जाती हैजैसे -बंगला,गुजराती,मराठी,उड़िया ,तमिल,तेलगु आदिहिन्दी भारत में सबसे अधिक बोली और समझी जाती हैहिन्दी भाषा को संविधान में राजभाषा का दर्जा दिया गया है


लिपि:- लिपि का शाब्दिक अर्थ होता है -लिखित या चित्रित करना ध्वनियों को लिखने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है,वही लिपि कहलाती है प्रत्येक भाषा की अपनी -अलग लिपि होती हैहिन्दी की लिपि देवनागरी हैहिन्दी के अलावा -संस्कृत ,मराठी,कोंकणी,नेपाली आदि भाषाएँ भी देवनागरी में लिखी जाती है


व्याकरण :- व्याकरण वह विधा है,जिसके द्वारा किसी भाषा का शुद्ध बोलना या लिखना जाना जाता हैव्याकरण भाषा की व्यवस्था को बनाये रखने का काम करते हैव्याकरण भाषा के शुद्ध एवं अशुद्ध प्रयोगों पर ध्यान देता हैइस प्रकार ,हम कह सकते है कि प्रत्येक भाषा के अपने नियम होते है,उस भाषा का व्याकरण भाषा को शुद्ध लिखना बोलना सिखाता हैव्याकरण के तीन मुख्य विभाग होते है :-

१.वर्ण -विचार :- इसमे वर्णों के उच्चारण ,रूप ,आकार,भेद,आदि के सम्बन्ध में अध्ययन होता है।
२.शब्द -विचार :- इसमे शब्दों के भेद ,रूप,प्रयोगों तथा उत्पत्ति का अध्ययन किया जाता है।
३.वाक्य -विचार:- इसमे वाक्य निर्माण ,उनके प्रकार,उनके भेद,गठन,प्रयोग, विग्रह आदि पर विचार किया जाता है।
 
                                                                                                           aabhaar : hindi kunj 
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