कुल पेज दृश्य

रविवार, 10 जनवरी 2010

बाल गीत: मनु है प्यारी बिटिया एक --आचार्य संजीव 'सलिल'

बाल गीत:

मनु है प्यारी बिटिया एक

-आचार्य संजीव 'सलिल'
*

मनु है प्यारी बिटिया एक.

सुन्दर-सरल दुलारी नेक.

उससे मिलने चूहा आया.

साथ एक बच्चे को लाया.

मनु ने बढ़कर हाथ बढाया.

नए दोस्त को गले लगाया.

दोनों मिलकर खेलें खेल.

कभी न बिगडे उनका मेल.

रखें खिलौने सदा सम्हाल.

मम्मी करें न कोई बवाल.

मनु नीलम मिल झूला झूल.

गयीं फ़िक्र दुनिया की भूल.

'सलिल' साथ मन घूमे दुनिया,

देखे कैसी भूल-भुलैया.

हँसी-ठहाके खूब लगायें.

पढ़-लिख कर मनु पहला आये.

************************************

Acharya Sanjiv Salil

http://divyanarmada.blogspot.com

6 टिप्‍पणियां:

-कृष्ण कन्हैया ने कहा…

kanhaiyakrishna@hotmail.com

आदरणीय आचार्य जी,

बहुत ही प्यारा बाल-गीत है

बचपन की बातें याद आ गयी

pratibha_saksena@yahoo.com ने कहा…

आ. आचार्य जी ,

बहुत सजह और प्यारा बाल-गीत है .

- प्रतिभा.

pratapsingh1971@gmail.com ने कहा…

आदरणीय आचार्य जी

सुन्दर बाल कविता !

सादर

प्रताप

shar_j_n ekavita ने कहा…

आदरणीय सलिल जी,

अभी अभी यह कविता बिटिया को सुनाई है, मनु की जगह 'विशु' बोल के:)
सो आपको डबल थेंक्स, दो-दो श्रोताओं की तरफ से :)

बड़ी मनभावन कविता है !

सोच रही थी कि मम्मी को कभी-कभी थोड़ा बवाल करना allowed होना चाहिए :) :)

सादर शार्दुला :)

amitabh.ald@gmail.com ने कहा…

आदरणीय आचार्य जी

सुन्दर बालगीत

सादर

अमित रचनाधर्मिता (http://amitabhald.blogspot.com)
Mob: +919450408917

इं० अम्बरीष श्रीवास्तव ने कहा…

आदरणीय आचार्य जी,

सादर प्रणाम |

बहुत प्यारा बाल गीत !

आपको इसके लिए बहुत- बहुत बधाई !!

प्यारी बिटिया मनु मिली, सरल दुलारी नेक.
भोला उसका बालपन, खेले खेल अनेक..
उससे साथी खेलते, चूहा चुहिया जीव
बचपन चित्रित कर रहे, सरस सलिल संजीव..

सादर नतमस्तक ,
इं० अम्बरीष श्रीवास्तव