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रविवार, 2 मई 2021

बालगीत मुनिया रानी

बालगीत
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नन्हीं मुन्नी मुनिया रानी
झट से हो गई बड़ी सयानी

मुनुआ के मन भाई मुनिया
अलग बसाई अपनी दुनिया

दो-दो गुड़ियाँ घर में आईं
कुहू-टिया नव खुशियाँ लाईं

ऊधम करतीं धूम मचातीं
मुनिया को सौ नाच नचातीं

पापा के कंधे चढ़ जातीं
नाना-नानी संग मस्तातीं

मुनिया बचपन में अपने
सोचे कितने देखे सपने

मामा-मौसी, नानी-नाना
कहाँ खो गया समय पुराना

काश आज वे पल जी पाऊँ
नाचूँ-कूदूँ, मौज मनाऊँ

कुहू-टिया ने ध्यान बटाया
मुनिया ने झट दिया जलाया

केक काटकर सबने खाया
जी भरकर आनंद मनाया
२-५-२०२१ 
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