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रविवार, 2 मई 2021

दोहा

०२-०५-२०२०
विषय - मोड़
प्रतियोगितार्थ दोहा
मोड़ मिलें स्वागत करो, नई दिशा लो देख
पग धरकर बढ़ते चलो, खींच सफलता रेख
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दोहे गरमागरम :
*
जेठ जेठ में हो रहे, गर्मी से बदहाल
जेठी की हेठी हुई, थक हो रहीं निढाल
*
चढ़ा करेला नीम पर, लू पर धूप सवार
जान निकाले ले रही, उमस हुई हथियार
*
चुआ पसीना तर-बतर, हलाकान हैं लोग
पोंछे टेसू हवा से, तनिक न करता सोग
*
नीम-डाल में डाल दे, झूला ठंडी छाँव
पकी निम्बोली चूस कर, भूल न जाना गाँव
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मदिर गंध मन मोहती, महुआ चुआ बटोर
ओली में भर स्वाद लूँ, पवन न करना शोर
*
कूल न कूलर रह गया, हीट कर रही तंग
फैन न कोई फैन का, हारा बेबस जंग
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एसी टसुए बहाता, बिजली होती गोल
पीट रही है ढोल लू, जय सूरज की बोल
*
दोहे गरमागरम सुन, उड़ा जा रहा रंग
मेकप सारा धुल गया, हुई गजल बदरंग
*
३-५-२०१७

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