लौकिक जातीय सप्त मात्रिक छंद
९. पदारंभ यगण
९. पदारंभ यगण
विदेशी तज
स्वदेशी भज
लगा ले सर
उठा ले रज
१०. पदारंभ मगण
लेंगे होड़
देंगे फोड़
जो हों दोष
भागें छोड़
देंगे फोड़
जो हों दोष
भागें छोड़
जो हो प्रीत
लेंगे जीत
आओ साथ
गायें गीत
*
११. पदारंभ तगण
हैं दो न हम
११. पदारंभ तगण
हैं दो न हम
हैं एक हम
विश्वास है
हैं नेक हम
*
१२. पदारंभ रगण
चाह में तू
बाँह में तू
धूप में तू
छाँह में तू
*
१२. पदारंभ रगण
चाह में तू
बाँह में तू
धूप में तू
छाँह में तू
आह में तू
वाह में तू
मंजिलों में
राह में तू
१३. पदारंभ जगण
किया न काम
लिया न दाम
तना वितान
१३. पदारंभ जगण
किया न काम
लिया न दाम
तना वितान
लगा विराम
मिला न नाम
रहे अनाम
*
१४. पदारंभ भगण
प्रेमिल ह्रदय
स्नेहिल सदय
प्रेमिल ह्रदय
स्नेहिल सदय
विस्मित निरख
मोहित मलय
*
१५. पदारंभ नगण
मोहित मलय
*
१५. पदारंभ नगण
सजन आए
सु मन गाए
सुमन खिलते
भ्रमर भाए
*
१६. पदारंभ सगण
महके आम
मिलते दाम
जबसे न्यून
विधना वाम
*
सुमन खिलते
भ्रमर भाए
*
१६. पदारंभ सगण
महके आम
मिलते दाम
जबसे न्यून
विधना वाम
*
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