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गुरुवार, 5 जनवरी 2017

muktak

मुक्तक-
बिखर जाओ फिजाओं में चमन को आज महाकाओ 
​बजा वीणा निगम-आगम ​कहें जो सत्य वह गाओ 
​अनिल चेतन​ हुआ कैलाश पर ​श्री वास्तव में पा 
बनो​ हीरो, तजो कटुता, मधुर मन मंजु ​हो जाओ
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