दोहा सलिला:
संजीव
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रवि से दिव्य प्रकाश पा, सलिल हुआ संजीव
संजीव
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रवि से दिव्य प्रकाश पा, सलिल हुआ संजीव
इंद्र कृपा पा संग में, खिले अगिन राजीव
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रेप किया पकडे गये, जो वे हैं नादान
बिन पकड़े मंत्री बने, जो वे परम सुजान
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खामोशी की सुन सकें, यदि हम-तुम आवाज़
दूरी पल में दूर हो, सुनकर दिल का साज़
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