बुंदेली हाइकु :
संजीव
*
मोरी मतारी
नज़र मत फेरो
ओ री मतारी
घबरा खें टेरो
डगर है अँधेरी
मोहे डर घेरो
न डूबे नैया
फँसी भवसागर
बचा ले मैया
एकै बिनै है
न सुत खों बिसारो
तन्नक हेरो
*
संजीव
*
मोरी मतारी
नज़र मत फेरो
ओ री मतारी
घबरा खें टेरो
डगर है अँधेरी
मोहे डर घेरो
फँसी भवसागर
बचा ले मैया
एकै बिनै है
न सुत खों बिसारो
तन्नक हेरो
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