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गुरुवार, 25 सितंबर 2014

bundeli haiku:

बुंदेली हाइकु :

संजीव
*
मोरी मतारी
नज़र मत फेरो
ओ री मतारी

घबरा खें टेरो
डगर है अँधेरी 
मोहे डर घेरो

न डूबे नैया
फँसी भवसागर
बचा ले मैया 

एकै बिनै है 
न सुत खों बिसारो
तन्नक हेरो
*  

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