दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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गुरुवार, 7 नवंबर 2013
doha salila: sanjiv
प्रयोगात्मक यमकीय दोहे: संजीव * फेस न करते फेस को, छिपते फिरते नित्य
बुक न करे बुक फोकटिया, पाठक सलिल अनित्य
* सर! प्राइज़ किसको मिला, अब तो खोलें राज सरप्राइज़ हो खत्म तो, करें शेष जो काज *
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