कुल पेज दृश्य

सोमवार, 29 मई 2017

muktak

मुक्तक
*
दूर हैं सरकार तो सर कारसेवा कर रहे
निकट हों सरकार तो सर कार-सेवा कर रहे
असर कार न हुए जो सरकार तो सर कार धो
मिल सके सेवा से मेवा मंत्र मन में जप रहे
  ***

कोई टिप्पणी नहीं: