शंका समाधान:
उसने क्यों सिरजा मुझे, मकसद जाने कौन?
जिससे पूछा वही चुप, मैं खुद तोडूँ मौन.
*
मकसदकेवल एक है, मिट्टी ले आकार.
हर कंकर शंकर बने, नियति करे स्वीकार..
हाथों की रेखा कहे, मिटा न मुझको मीत.
अन्यों से ज्यादा बड़ी, खींच- सही है रीत..
**
९-५-२०१०
जिससे पूछा वही चुप, मैं खुद तोडूँ मौन.
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मकसदकेवल एक है, मिट्टी ले आकार.
हर कंकर शंकर बने, नियति करे स्वीकार..
हाथों की रेखा कहे, मिटा न मुझको मीत.
अन्यों से ज्यादा बड़ी, खींच- सही है रीत..
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९-५-२०१०
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