मुक्तक
बात हो बेबात तो 'क्या बात' कहा जाता है.
को ले गर दिल को तो ज़ज्बात कहा जाता है.
घटती हैं घटनाएँ तो हर पल ही बहुत सी लेकिन-
गहरा हो असर तो हालात कहा जाता है.
७-५-२०१०
७-५-२०१०
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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