कार्यशाला
*
लिखें मुक्तक
विषय जन्म दिन
मात्रा / वर्ण / छंद बंधन नहीं
*
उदाहरण-
मुक्तक
धरागमन की वर्षग्रन्थि पर अभिनन्दन लो
सतत परिश्रम अक्षत, नव प्रयास चन्दन लो
सलिल-सुमन अभिषेक करे, हो सफल साधना
सत-शिव-सुन्दर सार्थकता हित शत वन्दन लो
हाइकु
(५-७-५)
जन्म दिवस
खुशियाँ ही खुशियाँ
अनगिनत
*
ताँका
(५-७-५-७-७)
जी भर जियो
ख़ुशी का घूँट पियो
खूब मुस्काओ
लक्ष्य निकट पाओ
ख़ुशी के गीत गाओ
*
जनक छंद
(१३-१३-१३)
राम लला प्रगटे सखी
मोद मगन माता हुई
शुभाशीष दें मुनि कई
*
चौपाई
(१६-१६)
जन्म दिवस का पर्व मनाना, मत मिष्ठान्न अकेले खाना
मात-पिता प्रभु का वंदनकर, शुभ आशीष सभी से पाना
बंधु-बांधवों के सँग मिलकर, किसी क्षुधित की भूख मिटाना
जो असहाय दिखे तू उसकी, ओर मदद का हाथ बढ़ाना
*
आल्हा
(१६-१५)
जन्म दिवस पर दीप जलाओ, ज्योति बुझाना छोडो यार
केक न काटो बना गुलगुले, करो स्नेहियों का सत्कार
शीश ईश को प्रथम नवाना, सुमति-धर्म माँगो वरदान
श्रम से मुँह न चुराना किंचित, जीवन हो तब ही रसखान
आलस से नित टकराना है, देना उसे पटककर मात
अन्धकार में दीप जलना, यगा रात से 'सलिल' प्रभात
***
*
लिखें मुक्तक
विषय जन्म दिन
मात्रा / वर्ण / छंद बंधन नहीं
*
उदाहरण-
मुक्तक
धरागमन की वर्षग्रन्थि पर अभिनन्दन लो
सतत परिश्रम अक्षत, नव प्रयास चन्दन लो
सलिल-सुमन अभिषेक करे, हो सफल साधना
सत-शिव-सुन्दर सार्थकता हित शत वन्दन लो
हाइकु
(५-७-५)
जन्म दिवस
खुशियाँ ही खुशियाँ
अनगिनत
*
ताँका
(५-७-५-७-७)
जी भर जियो
ख़ुशी का घूँट पियो
खूब मुस्काओ
लक्ष्य निकट पाओ
ख़ुशी के गीत गाओ
*
जनक छंद
(१३-१३-१३)
राम लला प्रगटे सखी
मोद मगन माता हुई
शुभाशीष दें मुनि कई
*
चौपाई
(१६-१६)
जन्म दिवस का पर्व मनाना, मत मिष्ठान्न अकेले खाना
मात-पिता प्रभु का वंदनकर, शुभ आशीष सभी से पाना
बंधु-बांधवों के सँग मिलकर, किसी क्षुधित की भूख मिटाना
जो असहाय दिखे तू उसकी, ओर मदद का हाथ बढ़ाना
*
आल्हा
(१६-१५)
जन्म दिवस पर दीप जलाओ, ज्योति बुझाना छोडो यार
केक न काटो बना गुलगुले, करो स्नेहियों का सत्कार
शीश ईश को प्रथम नवाना, सुमति-धर्म माँगो वरदान
श्रम से मुँह न चुराना किंचित, जीवन हो तब ही रसखान
आलस से नित टकराना है, देना उसे पटककर मात
अन्धकार में दीप जलना, यगा रात से 'सलिल' प्रभात
***
2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर जानकारी।
नव वर्ष मंगलमय हो
कविता जी धन्यवाद. आपको भी नव वर्ष मंगलमय हो.
एक टिप्पणी भेजें