सोरठा
बाँस
संजीव
.
लक्ष्य चूम ले पैर, एक सीध में जो बढ़े
कोई न करता बैर, बाँस अगर हो हाथ में
.
बाँस बने पतवार, फँसे धार में नाव जब
देता है आराम, बखरी में जब खाट हो
बाँस
संजीव
.
लक्ष्य चूम ले पैर, एक सीध में जो बढ़े
कोई न करता बैर, बाँस अगर हो हाथ में
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बाँस बने पतवार, फँसे धार में नाव जब
देता है आराम, बखरी में जब खाट हो
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