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गुरुवार, 1 जुलाई 2010

कहे कहावत अनकही : -१

लेख:
कहे कहावत अनकही : -१  सलिल











कहावतें हिन्दी की जान हैं. कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक या बिना कटुता के गूढ़ को सरलता से अभिव्यक्त करने में कहावत का सानी नहीं. इस शीर्षक के अंतर्गत विश्व की विविध भाषाओँ-बोलियों की कहावतें अर्थ तथा प्रयोग सहित प्रस्तुत की जायेंगी. आप का सहयोग आमंत्रित है:

१. हिम्मत न हारना  =  निराश न होना.
हारिए न हिम्मत, बिसारिए न राम.
जेहि विधि रखे राम. ताहि विधि रहियो..
सौ बारअसफल होने पर भी य्हम्मत नहीं हारना चाहिए.

२. मिट्टी में मिल जाना = नष्ट हो जाना.
मत घमंड कर, माटी का तन, माटी में मिल जाना है.
भष्टाचार कर धन-संपत्ति जोड़नेवाला भूल जाता है कि आखिर में उसे भी माटी में मिल जाना है. 

प्रेषक - राणा प्रताप सिंह 
३. कहावत:-:
जहां जाये दूला रानी
उहाँ पड़े पाथर पानी
मूल भाषा:-
अवधी
अर्थ/प्रयोग:-
यह कहावत ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयोग की जाती है जिसके जाते ही कोई कार्य बिगड़ने लगता है.

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2 टिप्‍पणियां:

Rana Pratap Singh ने कहा…

. कहावत:-:
मोर भुखिया मोर माई जाने
कठवत भर पिसान साने
कठवत= आटा गूंथने का बर्तन
पिसान= आटा
मूल भाषा:-
अवधी
अर्थ/प्रयोग:-
बच्चे कि भूख केवल माँ ही समझ सकती है .

Rana Pratap Singh ने कहा…

कहावत:-:
जहां जाये दूला रानी
उहाँ पड़े पाथर पानी
मूल भाषा:-
अवधी
अर्थ/प्रयोग:-
यह कहावत ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयोग की जाती है जिसके जाते ही कोई कार्य बिगड़ने लगता है.