कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 20 मार्च 2025

मार्च २०, सॉनेट, रामकिंकर, गौरैया, चिरैया, शारदा, बाल कविता, जनक छंद, रमण

सलिल सृजन मार्च २०
*
स्मरण युगतुलसी
सॉनेट
युगतुलसी का चारण हो जा,
खो जा सौम्य सुदर्शन छवि में,
कर वंदन यश-कीर्ति सतत गा,
देख विराजे वे ही सवि में।
धूप चाँदनी तम प्रकाश में,
दिग्दिगंत तारों में गुरुवर,
अनल अनिल नभ सलिल पाश में,
देख देखकर झूमें तरुवर।
नव्य नर्मदा पुरा पुरातन,
व्याप्त सतपुड़ा विंध्य शिखर में,
राम नाम पर्याय सनातन,
ध्यान लगा लख मनस गह्वर में।
जीवन सुमिरन का क्षण हो जा,
राम भक्ति में जग तज खो जा।
२०.३.२०२४
•••
जनक छंद
*
रमण आप में आप कर।
मौन; आप का जाप कर।
आप आप में व्याप कर।।
मौन बोलता है, सुनो।
कहने के पहले गुनो।
व्यर्थ न अपना सर धुनो।।
अति सीमित आहार कर।
विषयों का परिहार कर।
मन मत अधिक विचार कर।।
नाहक सपने मत बुनो।
तन बनकर क्यों तुम घुनो।
दो न, एक को चुप चुनो।।
मन-विचार दो नहीं हैं।
दूर नहीं प्रभु यहीं हैं।
गए नहीं वे कहीं हैं।।
बनो यंत्र भगवान का।
यही लक्ष्य इंसान का।
पुण्य अमित है दान का।।
जीवन पंकिल नहीं है।
जो कुछ उज्ज्वल; यहीं है।
हमने कमियाँ गहीं हैं।।
है महत्त्व अति ध्यान का।
परमपिता के भान का।
उस सत्ता के गान का।।
कर नियमन आहार का।
नित अपने आचार का।
मन में उठे विचार का।।
राही मंज़िल राह भी।
हैं मानव तू आप ही।
आह न केवल वाह भी।।
कोष न नफरत-प्यार का।
बोझ न भव-व्यापार का।
माध्यम पर उपकार का।।
जन्म लिया; भर आह भी।
प्रभु की कर परवाह भी।
है फ़क़ीर तू शाह भी।।
भीतर-बाहर है वही।
कथा न निज जिसने कही।
जिसकी महिमा सब कहीं।।
***
सॉनेट
स्वस्ति
स्वस्ति होना अस्ति का परिणाम।
नास्ति हो तो मत करें स्वीकार।
स्वस्ति नहिं हो तो विधाता वाम।।
नास्ति सत् से भी करे इंकार।।
अस्ति से आस्तिक बने संसार।
दे सके, पा भी सके मन प्यार।
नास्तिक हो तो न बेड़ा पार।।
ऊर्जा हो व्यर्थ सत्य नकार।।
अस्ति खुश अस्तित्व की जय बोल।
नास्ति नाखुश बाल अपने नोच।
स्वस्ति नीरस में सके रस घोल।।
स्वस्ति सबका शुभ सके सच सोच।।
स्वार्थ का सर्वार्थ में बदलाव।
तभी जब हो स्वस्ति सबका चाव।।
२०-३-२०२३
२० मार्च
*
विश्व गौरैया दिवस २० मार्च को गौरैया के संरक्षण और उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल मनाया जाता है। भारत व अन्य देशों में पक्षी गौरैया की संख्या लगातार घट रही है। वर्ष २००९ में भारत के संरक्षणवादी डॉ. मोहम्मद दिलावर ने कल्पना की और फिर २०१० में फ्रांस में इको-सिस एक्शन फाउंडेशन के सहयोग से २० मार्च को पहला विश्व गौरैया दिवस आयोजित कर हर साल यह दिवस मनाया जा रहा है।
२० मार्च को अंतर्राष्ट्रीय हैप्पीनेस डे मनाने का उद्देश्य हर हाल खुश रहना, और जीवन में खुशी के महत्व को स्वीकार करना है। यह दिन खुशी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाकर दुनिया के लोगों को खुश बनाए रखने में मदद करता है। पहली बार यह दिवस २०१३ में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाया गया था। तब से हर साल यह दिवस मनाया जाता है।
वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे २० मार्च को मनाया जाता है। इस वैश्विक स्वास्थ्य का उद्देश्य लोगों को ओरल हेल्थ (मुँह, दाँतों और ओरोफेशियल संरचना जो व्यक्ति को बोलने, श्वास लेने और खाने में सक्षम बनाती है) के प्रति सजग करना है।
*
महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
१७३९ - नादिरशाह ने दिल्ली सल्तनत पर कब्ज़ा कर दिल्ली में २ माह तक लूटमार की, मयूर सिंहासन, बेशुमाररत्न, सोना, चाँदी, गहने लूटे।
१९९० - अर्धरात्रि में नामीबिया की स्वतंत्रता की घोषणा।
१९९१ - बेगम ख़ालिदा जिया बांग्लादेश की राष्ट्रपति निर्वाचित।
१९९९- प्रख्यात ब्रिटिश अमूर्त चित्रकार पैट्रिक हेरोन का निधन।
२००२ - नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ६ दिवसीय यात्रा पर भारत पहुँचे, जिम्बाब्वे राष्ट्रमंडल से निलम्बित।
२००३ - इराक पर अमेरिकी हमला शुरू।
२००६ - अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री ने दावा किया कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में है।
२००९ - न्यायमूर्ति चन्द्रमौली कुमार प्रसाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मूख्य न्यायधीश नियुक्त हुए।
२० मार्च को जन्मे व्यक्ति
१८९२ - कर्नल टॉड - अंग्रेज़ अधिकारी एवं इतिहासकार, जिसे राजस्थान के इतिहास का मार्ग सर्वप्रथम प्रशस्त करने का श्रेय दिया जाता है।
१९६६ - अलका याग्निक - ख्यातिप्राप्त भारतीय पार्श्वगायिका हैं।
१९७३ - अर्जुन अटवाल - भारतीय पहले गोल्फ खिलाड़ी।
१९८२ - निशा मिलेट - भारतीय की जानी-मानी तैराक हैं।
१९८७ - कंगना राणावत, भारतीय अभिनेत्री।
१६१५ - दारा शिकोह - मुग़ल बादशाह शाहजहाँ और मुमताज़ महल का सबसे बड़ा पुत्र था।
१९२२ - कार्ल रीनर, अमेरिकी फिल्म निर्देशक, निर्माता, अभिनेता और हास्य अभिनेता, (योर शो ऑफ शोज़)
२० मार्च को दिवंगत
१७२७ - आइज़ैक न्यूटन - महान् गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिर्विद एवं दार्शनिक थे।
१९४३ - एस. सत्यमूर्ति - भारत के क्रांतिकारी नेता, शशिभूषण रथ - 'उड़िया पत्रकारिता के जनक, स्वतंत्रता सैनानी थे।
१९७० - जयपाल सिंह - भारतीय हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ियों में से एक।
१९७२- प्रेमनाथ डोगरा - जम्मू-कश्मीर के एक नेता थे।
१९९५ - रोहित मेहता - प्रसिद्ध साहित्यकार, विचारक, लेखक, दार्शनिक, भाष्यकार और स्वतंत्रता सेनानी थे।
२००८ - सोभन बाबू, भारतीय अभिनेता।
२०११ - बोब क्रिस्टो -भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री।
२०१४ - खुशवंत सिंह - भारत के प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक, उपन्यासकार और इतिहासकार।
२०१५ - मैल्कम फ्रेजर - ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री।
***
नवगीत
चिरैया!
*
चिरैया!
आ, चहचहा
*
द्वार सूना
टेरता है।
राह तोता
हेरता है।
बाज कपटी
ताक नभ से-
डाल फंदा
घेरता है।
सँभलकर चल
लगा पाए,
ना जमाना
कहकहा।
चिरैया!
आ, चहचहा
*
चिरैया
माँ की निशानी
चिरैया
माँ की कहानी
कह रही
बदले समय में
चिरैया
कर निगहबानी
मनो रमा है
मन हमेशा
याद सिरहाने
तहा
चिरैया!
आ चहचहा
*
तौल री पर
हारना मत।
हौसलों को
मारना मत।
मत ठिठकना,
मत बहकना-
ख्वाब अपने
गाड़ना मत।
ज्योत्सना
सँग महमहा
चिरैया!
आ, चहचहा
***
शारद! अमृत रस बरसा दे।
हैं स्वतंत्र अनुभूति करा दे।।
*
मैं-तू में बँट हम करें, तू तू मैं मैं रोज।
सद्भावों की लाश पर, फूट गिद्ध का भोज।।
है पर-तंत्र स्व-तंत्र बना दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
अमर शहीदों को भूले हम, कर आपस में जंग।
बिस्मिल-भगत-दत्त आहत हैं, दुर्गा भाभी दंग।।
हैं आजाद प्रतीति करा दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
प्रजातंत्र में प्रजा पर, हावी होकर तंत्र।
छीन रहा अधिकार नित, भुला फर्ज का मंत्र।।
दीन-हीन को सुखी बना दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
ज॔गल-पर्वत-सरोवर, पल पल करते नष्ट।
कहते हुआ विकास है, जन प्रतिनिधि हो भ्रष्ट।।
जन गण मन को इष्ट बना दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
शोक लोक का बढ़ रहा, लोकतंत्र है मूक।
सारमेय दलतंत्र के, रहे लोक पर भूँक।।
दलदल दल का मातु मिटा दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
'गण' पर 'गन' का निशाना, साधे सत्ता हाय।
जन भाषा है उपेक्षित, पर-भाषा मन भाय।।
मैया! हिंदी हृदय बसा दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
जन की रोटी छिन रही, तन से घटते वस्त्र।
मन आहत है राम का, सीता है संत्रस्त।।
अस्त नवाशा सूर्य उगा दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
रोजी-रोटी छीनकर, कोठी तानें सेठ।
अफसर-नेता घूस लें, नित न भर रहा पेट।।
माँ! मँहगाई-टैक्स घटा दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
जिए आखिरी आदमी, श्रम का पाए दाम।
ऊषा गाए प्रभाती, संध्या लगे ललाम।।
रात दिखाकर स्वप्न सुला दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
२०-३-२०२१
***
साथ मोदी के
*
कर्ता करता है सही, मानव जाने सत्य
कोरोना का काय को रोना कर निज कृत्य
कोरो ना मोशाय जी, गुपचुप अपना काम
जो डरता मरता वही, काम छोड़ नाकाम
भीत न किंचित् हों रहें, घर के अंदर शांत
मदद करें सरकार की, तनिक नहीं हों भ्रांत
बिना जरूरत क्रय करें, नहीं अधिक सामान
पढ़ें न भेजें सँदेशे, निराधार नादान
सोमवार को किया था, हम सबने उपवास
शास्त्री जी को मिली थी, उससे ताकत खास
जनता कर्फ्यू लगेगा, शत प्रतिशत इस बार
कोरोना को पराजित, कर देगा यह वार
नमन चिकित्सा जगत को, करें झुकाकर शीश
जान हथेली पर लिए, बचा रहे बन ईश
देश पूरा साथ मिलकर, लड़ रहा है जंग
साथ मोदी के खड़ा है, देश जय बजरंग
१९-३-२०२०
***
बाल कविता:
"कितने अच्छे लगते हो तुम "
*
कितने अच्छे लगते हो तुम |
बिना जगाये जगते हो तुम ||
नहीं किसी को ठगते हो तुम |
सदा प्रेम में पगते हो तुम ||
दाना-चुग्गा मंगते हो तुम |
चूँ-चूँ-चूँ-चूँ चुगते हो तुम ||
आलस कैसे तजते हो तुम?
क्या प्रभु को भी भजते हो तुम?
चिड़िया माँ पा नचते हो तुम |
बिल्ली से डर बचते हो तुम ||
क्या माला भी जपते हो तुम?
शीत लगे तो कँपते हो तुम?
सुना न मैंने हँसते हो तुम |
चूजे भाई! रुचते हो तुम |
२२.३.२०१४ 
***
जल्दी आना ...
*
मैं घर में सब बाहर जाते,
लेकिन जल्दी आना…
*
भैया! शाला में पढ़-लिखना
करना नहीं बहाना.
सीखो नई कहानी जब भी
आकर मुझे सुनाना.
*
दीदी! दे दे पेन-पेन्सिल,
कॉपी वचन निभाना.
सिखला नच्चू , सीखूँगी मैं-
तुझ जैसा है ठाना.
*
पापा! अपनी बाँहों में ले,
झूला तनिक झुलाना.
चुम्मी लूँगी खुश हो, हँसकर-
कंधे बिठा घुमाना.
*
माँ! तेरी गोदी आये बिन,
मुझे न पीना-खाना.
कैयां में ले गा दे लोरी-
निन्नी आज कराना.
*
दादी-दादा हम-तुम साथी,
खेल करेंगे नाना.
नटखट हूँ मैं, देख शरारत-
मंद-मंद मुस्काना.
२०-३-२०१३
***
गौरैया


खिड़की से आयी गौरैया,
बना घोंसला मुस्काई।
देख किसी को आते पास
फुर से उड़ जाती भाई।।
० 
इसको कहते गौरैया,
यह है चूजे की मैया।
दाना उसे चुगाती है-
थककर कहे न- हे दैया!।।
२८.११.२०१२ 
० 

कोई टिप्पणी नहीं: