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विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर
दिव्य नर्मदा अलंकरण २०२५
सूचना
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प्रतिवर्षानुसार वर्ष २०२५ में भी गत ५ वर्षों (२०२१ से २०२५) में हिंदी में लिखित/अनुवादित श्रेष्ठ चयऩित पुस्तकों पर नगद राशि व अलंकरण पत्र प्रदान किए जाएँगे। अलंकरणों हेतु गत ५ वर्षों में प्रकाशित पुस्तक की २ प्रतियाँ, लेखक का चित्र, संक्षिप्त परिचय (नाम, जन्म तारीख माह वर्ष, माता-पिता / पति-पत्नी के नाम, शिक्षा, संप्रति, प्रकाशित एकल पुस्तकों के नाम, डाक का पता, चलभाष/वाट्स एप, ईमेल) आदि संस्था कार्यालय ४०१ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन, जबलपुर ४८२००१ के पते पर तथा सहभागिता निधि ३००/- (वाट्स ऐप ९४२५१८३२४४ पर) आमंत्रित है। कृपया, पूर्व में प्राप्त सम्मानों /पुरस्कारों/प्रमाण पत्रों, साझा संकलनों आदि की सूची न भेजें।
विधाएँ- यांत्रिकी, चिकित्सा, तकनीक, गद्य (उपन्यास, कहानी, समीक्षा, दर्शन, निबंध, नाटक/एकांकी/प्रहसन, व्यंग्य लेख, लघुकथा, संस्मरण, रेखाचित्र, जीवनी, आत्मकथा, यात्रावृत्त, गद्य गीत, रिपोर्ताज, दैनंदिनी/डायरी, भेंटवार्ता, पत्र साहित्य, संपादन, बालकथा, लोककथा, धार्मिक कथा, अनुवाद, संग्रह आदि) पद्य (महाकाव्य, खण्ड/प्रबंध काव्य, मुक्तक, गीत, गजल, सवैया, घनाक्षरी, जापानी छंद, सॉनेट, छंदशास्त्र, तुकान्त, अतुकान्त, बाल गीत, लोकगीत, अनुवाद संग्रह आदि)। अंतिम तिथि ३० जून २०२५। १,०००/- नगद व हिंदी रत्न अलंकरण (३) श्रेष्ठ चयनित पुस्तकों पर, ५,०००/- नगद व हिंदी गौरव अलंकरण ७ कृतियों पर, २०००/- नगद व हिंदी भूषण अलंकरण १० कृतियों पर, १०००/- नगद व हिंदी श्री अलंकरण २० कृतियों पर प्रदान किए जाएँगे। अलंकरणों की संख्या परिवर्तनीय है। किसी वर्ग में न्यूनतम ५ प्रविष्टियाँ प्राप्त न होने पर उसे अन्य वर्ग के साथ जोड़ दिया जाएगा।
अलंकरण समारोह में व्यक्तिगत उपस्थिति न होने पर नगद राशि नहीं दी जाएगी। प्राप्त पुस्तकों का अध्ययन कर निर्णायक मण्डल द्वारा सर्वसम्मत चयन कर परिणाम घोषित किए जाएँगे। किसी प्रकार की पैरवी/सिफारिश/श्रेष्ठता का दावा आदि करने पर प्रविष्टि निरस्त मानी जाएगी। सहभागिता निधि या पुस्तकें वापिस नहीं की जाएँगी। उक्त के अतिरिक्त उल्लेखनीय अवदान / उत्तम लेखन हेतु प्रतिभार्चन ५०००/- मूल्य का साहित्य व प्रमाणपत्र भेंट कर सम्मानित किया जाएगा।
शांतिराज पुस्तकालय
शिक्षा संस्थाओं/ ग्राम पंचायतों को २५,०००/- की पुस्तकें निशुल्क प्रदान की जाएँगी। इस हेतु संस्था में वाचनालय, अलमारी तथा पुस्तकें देने-लेने हेतु व्यवस्था होना, उक्त अनुसार आवेदन तथा पुस्तकें प्राप्त करने हेतु संस्था के प्रतिनिधि की उपस्थिति आवश्यक है।
अलंकरण स्थापना
अलंकरण स्थापित करने के लिए प्रदाताओं से प्रस्ताव आमंत्रित हैं। इस हेतु अलंकरण दाता का नाम, चित्र, संक्षिप्त परिचय, राशि, पूज्य/प्रियजन का चित्र, संक्षिप्त परिचय, वार्षिक सदस्यता निधि ११००/- + अलंकरण राशि आदि उक्त अनुसार आमंत्रित है।
आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल, सभापति
बसंत शर्मा, अध्यक्ष
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प्राप्तियाँ
गद्य
०१. डॉ. रानी श्रीवास्तव, १.७.१९५८, ६०१ ग्रैंड तौर, मैप्सको रॉयल विले, सेक्टर ८२, गुड़गाँव हरियाणा। ९९३४८३७७९३, dr.rani.srivastava@gmail.com . यूपीआई आई डी ४३३९४८२२०९११/ ४.१२.२०२४ रु. ३००/-,
ज्योति जिंदा है तथा अन्य कहानियाँ, कहानी संग्रह, आईएसबीएन ९७८-९३-९५५१८-८१-९, २०२४, २००/-, सर्वभाषा ट्रस्ट नई दिल्ली ८१७८६९५६०६, ९२०५४६१३८७ ।
पद्य
०१. डॉ. रानी श्रीवास्तव, १.७.१९५८, ६०१ ग्रैंड तौर, मैप्सको रॉयल विले, सेक्टर ८२, गुड़गाँव हरियाणा। ९९३४८३७७९३, dr.rani.srivastava@gmail.com . यूपीआई आई डी ४३३९४५६०१७७० / ४.१२.२०२४ रु. ३००/-,
अनहद के बीच, काव्य संग्रह, आईएसबीएन ९७८-८१-९५१०९७-४-६, २०२१, ३००/-, अनन्य प्रकाशन दिल्ली ०११- २२८२५६०६ / २२८२४६०६ ।
०२. इं. राजेश अरोरा 'शलभ' लखनऊ, हास्य कार-नाम, चुनाव चक्रम, कहीं धूप कहीं छाँव।
०३. कालीदास ताम्रकार जबलपुर- तीसरी आँख
०४. रचना उनियाल बेंगलुरु- संकल्प की धूप
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