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सोमवार, 13 नवंबर 2023

मुक्तिका

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मुक्तिका
हुआ अमावस सा मन
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बह्र 🍂🍂 22 22 22
फ़ैलुन फ़ैलुन फ़ैलुन
काफ़िया 🍂अन 🍂
रदीफ़ 🍂ग़ैर मुरद्दफ़ 🍂
***
हुआ अमावस सा मन
तुझ बिन मेरे साजन

तेरी राह निहारे
पल पल होकर उन्मन

बाँहों में बँध झूमे
होकर फागुन-सावन

अपलक झलक निहारे
गुपचुप बाँकी चितवन

रजनी में हो सजनी
पुलकित; मन वृंदावन

द्वैत न किंचित भाए
अद्वैती हर्षित तन

दीवाली को होली
करे प्रीत मन भावन
१३-११-२३
***
इसी बह्र पर फ़िल्मी गीत
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🍂 जब दीप जले आना

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