कुल पेज दृश्य

रविवार, 23 मई 2021

गीत

गीत
चलें गाँव की ओर
स्नेह की सबल बँधी जहँ डोर
*
अलस्सुबह ऊषा-रवि आगत, 
गुँजा प्रभाती करिए स्वागत।
गौ दुह पय पी किशन कन्हैया,
नाचें-खेलें ता ता थैया।
पवन बहे कर शोर
चलें गाँव की ओर
*
पनघट जाए मेंहदी पायल,
खिलखिल गूँजे, हो दिल घायल।
स्नान-ध्यान कर पूजे देवा
छाछ पिए, कर धनी कलेवा।
सुनने कलरव शोर
चलें गाँव की ओर
*
पूजें नीम शीतला मैया,
चल चौपाल मिले वट छैंया।
शुद्ध ओषजन धूप ग्रहणकर
बहा पसीना रोग दूर धर।
सुख-दुख संग अँजोर
चलें गाँव की ओर
***
संजीव

कोई टिप्पणी नहीं: