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शनिवार, 16 मई 2020

अभियान विमर्श पर्व : १६-५-२०२०

समाचार 
ॐ 
विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर 
विमर्श पर्व : १६-५-२०२० 
  कोरोना त्रासदी : तालाबंदी कितनी कारगर और कब तक  - सारगर्भित विमर्श संपन्न 
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विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर का १३ वाँ दैनिक सारस्वत अनुष्ठान "कोरोना त्रासदी : तालाबंदी कितनी कारगर और कब तक?" विषय पर विमर्श पर्व के रूप में हुआ। विमर्श की अध्यक्षता पीतांबरपीठ दतिया के अन्तर्राष्ट्रीय साहित्यकार अरविन्द श्रीवास्तव 'असीम' तथा मुख्य आतिथ्य भीलवाड़ा की समर्पित साहित्यकार श्रीमती पुनीता भारदवाज ने किया। विमर्श का श्री गणेश श्रीमती विनीता श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। 
विषय प्रवर्तन करते हुए साहित्यकार-चिंतक आचार्य संजीव वर्मा सलिल ने वुहान में कोरोना के प्रस्फुटन व फैलाव को देखते हुए आरंभ में विदेशों से आये यात्रियों के तापमान देखकर उन्हें समाज में मिल जाने देने  को घातक बताय और कहा की इसी समय विदेश से आनेवाले सभी यात्रियों को १४ दिन के एकांतवास हेतु अनिवार्यत: भेजे जाता तो कोरोना का प्रवेश ही नहीं हो पाता। ३० जनवरी को विदेश से आये यात्री में कर्णाटक में कोरोना मिलने के तत्काल बाद यह किया जाना था। रेल यातायात बंद करने के पूर्व रोजगार गँवा चुके मजदूरों को गाँवों की ओर भेजा जा सकता तो इतनी मौतें नहीं होतीं। मजदूरों को रोजगार देनेवाले उन्हें खाने-पीने-जीने योग्य साधन देते रहते तो वे पलायन हेतु विवश नहीं होते। इतने कष्ट झेलकर जा रहे मजदूर क्या फिर लौटेंगे? न लौटे तो व्यवसाय कैसे चलेंगे हुए वे मजदूर गाँवों में क्या करेंगे? इन सब बिंदुओं पर विचार जरूरी है। जाग्रत लोक तंत्र में लोक को चिंतन कर अपनी सरकार को सुझाव देने ही चाहिए। 
ख्यात शायर सूरज राय 'सूरज' ने अदृश्य वायरस जनित कोरोना से बचने का एकमात्र मार्ग तालाबंदी को बताया। ग्वालियर से पधारी ज्येष्ठ कवयित्री डॉ. संतोष शुक्ला से.नि. प्राचार्य ने तालाबंदी में श्रमिकों के समक्ष उपस्थित विकराल समस्या को उठाया। श्रीमती विनीता श्रीवास्तव ने तालाबंदी को कोरोना नियंत्रण में प्रभावी बताया। पलामू के प्रो. आलोक रंजन ने मरकज़, तब्लीगी जमात आदि द्वारा तालाबंदी एक पालन न किये जाने को चिंता का विषय बताया। श्री सारांश गौतम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों की चर्चा की। 
सिरोही के वरिष्ठ साहित्यकार छगनलाल गर्ग ने समय का सदुपयोग कर आत्मबल बढ़ाने पर बल दिया।  रायपुर की रजनी शर्मा ने कोरोना के उपचारों की अनिश्चितता तथा तालाबंदी के विष को झेलने की विवशता व्यक्त की।  डॉ. मुकुल तिवारी ने तालाबंदी को सुरक्षा का उपाय बताया। प्रो. शोभित वर्मा ने सामाजिक सेवा कार्यों की प्रशंसा करते हुए उनकी निरंतरता बनाये रखने पर बल दिया। भारती नरेश पराशर तथा अन्य वकताओं ने मिलते-जुलते विचार व्यक्त किये। मुख्य अतिथि पुनीता भारद्वाज ने परिस्थिति की जटिलता के परिप्रेक्ष्य  में विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर द्वारा आयोजित विमर्श को आवश्यक और उपयोगी निरूपित किया। अध्यक्षीय वक्तव्य में श्री अरविन्द श्रीवास्तव ने वक्ताओं को  रहने और य्रत-तत्र न भटकने की सलाह देते हुए इस तरह के विमर्श को आवश्यक बताते हुए बार-बार किये जाने की आवश्यकता बताई। आभार प्रदर्शन इंजी. अरुण भटनागर ने किया।   

ॐ 
विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर 
विमर्श पर्व : १७-५-२०२० 
विषय : राष्ट्रीय एकता एवं शक्ति 
सञ्चालन : आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' 
वक्तागण : 
ब्रिगेडियर बिपिन त्रिवेदी 
श्री आलोक श्रीवास्तव 
श्री विवेकरंजन श्रीवास्तव 
श्री बसंत शर्मा 
डॉ. स्मृति शुक्ला 
श्री अमरेंद्र नारायण 
आप सब अवश्य सुनें और प्रतिक्रिया दें। 


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