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मंगलवार, 19 दिसंबर 2017

kundaliya

कुंडलिया
वादे कर जो भुला दे, वह खोता विश्वास.
ऐसे नेता से नहीं, जनता को कुछ आस.
जनता को कुछ आस, स्वार्थ ही वह साधेगा.
भूल देश-हित दल का हित ही आराधेगा.
सलिल कहे क्यों दल-हित को जनता पर लादे.
वह खोता विश्वास भला दे जो कर वादे
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