कुल पेज दृश्य

रविवार, 4 अक्तूबर 2015

doha

आज का दोहा:
*
दुखी हुआ ताजिंदगी, सुनी न कांता-राय
सुखी हुआ जब स्नेह का, खोल लिया अध्याय
*

कोई टिप्पणी नहीं: