हर पहर ...
राजीव शर्मा
उमरिया म.प्र.
सुबह है तेरे
पांव की पायल
शाम है तेरे
आंख का काजल
और दोपहर
ऐसे जैसे
तूने ली हो अंगड़ाई
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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रविवार, 9 अगस्त 2009
हर पहर ...

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1 टिप्पणी:
achchhee rachna
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