
हमारा उत्तर .... नकली नोट और काले धन पर अंकुश लगाने के लिए एक हजार और पाँच सौ रुपए के नोटों को बंद करने की अपेक्षा उनके साइज व प्रिंट तुरंत बदल देने चाहिये आश्चर्य तो यह है कि अब तक ऐसा क्यो नही किया गया है .,
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
2 टिप्पणियां:
विवेक भाई!
परेशान क्यों होते हैं. हमारी संवेदनशील और जागरूक सरकार आपकी समस्या हल करने के लिए लगातार मँहगाई बाधा रही हैं. जल्दी ही पांच सौ और हजार के नोटों की कीमत पणजी-दस्सी के बराबर हो जायेगी और क्रय क्षमता शून्य तो फिर इन्हें नकली कौन बेवकूफ छपेगा? 'हर्र लगे न फिटकरी रंग चोखा हो जाये' इसी को कहते हैं न?
मेरे ख्याल से ५०० एवं १००० के नोट ही बंद करदिये जाने चाहिए . इससे जाली का चक्कर काफी कम हो सकता है. साथ ही नोट पहुचाने वाले को बिर्फ्केश की जगह बोरा या कई बिरेफ्कासे की जरूरत परेगी तो भार्स्ताचारियो की संख्या कम हो सकेगा -- अरुण श्रीवास्तव 'विनीत' चित्रांश चर्चा
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