दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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बुधवार, 8 फ़रवरी 2017
दोहा
दोहा रोज-प्रप्रोज पठा रहा, नाती कैसा काल? पोता हो लव बर्ड तो, आ जाए भूचाल।।
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