कार्यशाला
समस्या पूर्ति मुक्तक
*
परखना मत, परखने मे कोई अपना नही रहता - हेमा अवस्थी
बहकना मत, बहकने से कोई सपना नहीं रहता -संजीव
सम्हल कर पैर रखना पंक में, पंकज तुम्हें बनना
फिसलना मत, फिसलने से कोई नपना नहीं रहता
*
समस्या पूर्ति मुक्तक
*
परखना मत, परखने मे कोई अपना नही रहता - हेमा अवस्थी
बहकना मत, बहकने से कोई सपना नहीं रहता -संजीव
सम्हल कर पैर रखना पंक में, पंकज तुम्हें बनना
फिसलना मत, फिसलने से कोई नपना नहीं रहता
*
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें