गीत
हमहूॅं चनरमा पऽ जइबयि (अवधी)
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छम-छम छमकयि चनरमा रे माई! हमहूॅं चनरमा पऽ जइबयि।
हमहूॅं कऽ लयि चली इसरो रे माई! हमहूॅं राकेटवा मऽ उड़बयि...
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रूस-अमरिकवा के उड़ि गई महरुआ,
चीन-जापान-फ्रांस पीछे रहब ना
इटली-कनाडा-यूके बढ़ि गई रे माई! कोरिया जापान नऽ ठहरयि...
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वेलन्टीना टेरेश्कोवा रे माई!
तिरसठ मऽ गई रे अकेली
स्वेतलाना दुई बार उड़ि माई!, स्पेस मऽ वाक करि टहलयि...
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माँ बनि एना ली फिशर रे माई!
तबहूँ उड़ान भरि लीनी
हमहूँ न केहि से कमतर रे माई! ऊपर जा धरती को निहरयि...
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जॉन डेविस-मार्क सी ली रे माई!
दुल्हन-दुल्हा संग-संग गयि
आपस मऽ लड़ब न झगड़ब रे माई! हिल-मिल साथ निबहबयि...
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सत्तावन साल की पैगी व्हिटसन
धरि के हौसला बढ़ि गयि
कल्पना चावला शहीद रे माई! सुनीता विलियम जीत पइबयि...
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सास-बहू चला निकसयि सकारे !
सूरजु किरनिया पड़तयि
करवा चऊथ बरत करि माई! चनाराम के अरघ चढ़इबयि
हमहूॅं कऽ लयि चली इसरो रे माई! हमहूॅं राकेटवा मऽ उड़बयि...
२४.३.२०२५
०००
सुरभितु बयरिया अमरइया कयि ढुरिकयि
कूकयि कोयलिया जउ जिया बहु धधकयि
बहयि खूबि जुड़रिउ बयरिया रे माई , वहि पेड़वा रखयिबयि ।। हमहूॅं कऽ-------
कुचवा मऽ बंदु पड़उ महुआ निहारयि
सुरजू किरनियाॅं पड़तयि खिसिया निकारयि
झरयि द्या उ सगरौ फुलवा रे माई , इकु सॅंघवा उठयिबयि ।। हमहूॅं कऽ -----------
मिठऊ महूआ घरा निकसयि जउ रसवा
लपसिउ अउ बरिया घरा-घरा मीठु डिसुवा
अमिया कै खटरसि चटनिया रे माई , हमु सबुका चटयिबयि ।। हमहूॅं कऽ-------
कनकु कै बलिया कटयि सगरिउ हरिया
थ्रेसरु मड़ाई होतु दिखयि नऽ पयरिया
रुपया बऽ सगरिउ बखरिया रे माई , जिनिगी सुखे मऽ बितयिबयि ।। हमहूॅं कऽ-------
अबुकी बेरि हमहूॅं कुर्ता सियबयि
जबयि महूआ बिचयि झाला बनवयिबयि
तू करउ जिनि कौनिउ फिकिरिया रे माई , दिरदिनु दूरि भगयिबयि ।। हमहूॅं कऽ-------
चैता धमालु करयि अॕंधियउ जउ खरसयि
पसकयि महूआ भलु पनिया जउ बरसयि
ओरयिनु जसि चुबयि देंहियउ रे माई , हमहूॅं बेनियउ डुलयिबयि ।। हमहूॅं कऽ-------
मह-मह महकयि मउहरिया रे माई ! बगिया कऽ जइबयि ।हमहूॅं कऽ लयि देउ डेलरिया रे माई ! महुआ बिनयिबयि ।।
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मह-मह महकयि मउहरिया रे माई ! हमहूॅं बगिया कऽ जइबयि ।
हमहूॅं कऽ लयि देउ डेलरिया रे माई ! हमहूॅं महुआ बिनयिबयि ।।
सुरभितु बयरिया अमरइया कयि ढुरिकयि
कूकयि कोयलिया जउ जिया बहु धधकयि
बहयि खूबि जुड़रिउ बयरिया रे माई , वहि पेड़वा रखयिबयि ।। हमहूॅं कऽ-------
कुचवा मऽ बंदु पड़उ महुआ निहारयि
सुरजू किरनियाॅं पड़तयि खिसिया निकारयि
झरयि द्या उ सगरौ फुलवा रे माई , इकु सॅंघवा उठयिबयि ।। हमहूॅं कऽ -----------
मिठऊ महूआ घरा निकसयि जउ रसवा
लपसिउ अउ बरिया घरा-घरा मीठु डिसुवा
अमिया कै खटरसि चटनिया रे माई , हमु सबुका चटयिबयि ।। हमहूॅं कऽ-------
कनकु कै बलिया कटयि सगरिउ हरिया
थ्रेसरु मड़ाई होतु दिखयि नऽ पयरिया
रुपया बऽ सगरिउ बखरिया रे माई , जिनिगी सुखे मऽ बितयिबयि ।। हमहूॅं कऽ-------
अबुकी बेरि हमहूॅं कुर्ता सियबयि
जबयि महूआ बिचयि झाला बनवयिबयि
तू करउ जिनि कौनिउ फिकिरिया रे माई , दिरदिनु दूरि भगयिबयि ।। हमहूॅं कऽ-------
चैता धमालु करयि अॕंधियउ जउ खरसयि
पसकयि महूआ भलु पनिया जउ बरसयि
ओरयिनु जसि चुबयि देंहियउ रे माई , हमहूॅं बेनियउ डुलयिबयि ।। हमहूॅं कऽ-------
मह-मह महकयि मउहरिया रे माई ! बगिया कऽ जइबयि ।हमहूॅं कऽ लयि देउ डेलरिया रे माई ! महुआ बिनयिबयि ।।
ज्ञानेन्द्र पाण्डेय "अवधी-मधुरस" अमेठी
8707689016
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