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शनिवार, 29 जून 2019

गीत

एक रचना 
*
चाँदनी में नहा 
चाँदनी महमहा 
रात-रानी हुई 
कुछ दीवानी हुई
*
रातरानी खिली
मोगरे से मिली
हरसिंगारी ग़ज़ल
सुन गया मन मचल
देख टेसू दहा
चाँदनी में नहा
*
रंग पलाशी चढ़ा
कुछ नशा सा बढ़ा
बालमा चंपई
तक जुही मत मुई
छिप फ़साना कहा
चाँदनी में नहा
*
२९-६-२०१६

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