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सोमवार, 14 सितंबर 2009

स्वामी शिवानन्द वाणी

स्वामी शिवानन्द वाणी

भावनाओं की प्रचुरता और बुलबुले के समान
उठने वाली उत्तेजनाओं के प्रवाह में बह न जाओ।
उनको वश में करो। आखिर संकट आया क्यों, यह
झंझट बरसी कैसे-इस पर मनन करो। परिस्थितियों
पर विजय पाने के लिए अनेकों प्रभावशाली और
आसान तरीकों की सदैव गुंजाईश रहती है।

व्यवहार और दृढ़ता, लगन और ध्यान, धैर्य और
अप्रतिहत प्रयत्न, विश्वास और स्वावलम्बन
मनुष्य को ख्यातिमान बना देते हैं।


Do not be carried away by undue sentiments
and bubbling emotions. Control them.
Reflect how the calamity or trouble or
catastrophe has come. There is always
scope for suitable, effective, easy methods
to tide over the crisis or trying situation.

******************

APPLICATION AND TENACITY, INTEREST AND
ATTENTION, PATIENCE AND PERSEVERANCE,
FAITH AND SELF-RELIANCE, CAN MAKE A MAN
A WONDERFUL WORLD-FIGURE.

******************

SERVE ALL CREATURES OF GOD. THE SERVICE OF SERVANTS OF GOD IS HIS REAL WORSHIP.

विजय अनंत, अनंत सेवाश्रम, ७८८ सेक्टर १६, पंचकुला ०९८१५९००१५९ , http://vijayanant.blogspot.com

1 टिप्पणी:

anchit nigam ने कहा…

very good thought.