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शनिवार, 6 जून 2009

उर्दू त्रिपदियाँ : अज़ीज़ अंसारी, इंदौर

उर्दू त्रिपदियाँ : अज़ीज़ अंसारी, इंदौर

कलियाँ जब भी उदास होती हैं
उनकी अफ्सुर्दगी मिटाने को
तितलियाँ आस-पास होती हैं।

सब को इक यार की ज़रूरत है
पेट भरता है रोटियों से मगर
रूह को प्यार की ज़रूरत है।

काम आ दूसरों को मुश्किल में
दूर हो जाएँगे अँधेरे सब
नूर भर जायेगा तेरे दिल में।

गुल को माली सम्हालने वाला
दिल की जो देखभाल करता है
वो है दुनिया को पलने वाला।

आप अपनी नज़र होते हैं
वो जो बंदे को रब से मिलवा दें
बस वही सच्चे पीर होते हैं।
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3 टिप्‍पणियां:

महावीर ने कहा…

उर्दू शायरी में त्रिपदियों की कमी बहुत महसूस होती है. जनाब अज़ीज़ अंसारी साहब की यह त्रिपदियाँ पढ़ कर आनंद आगया. दाद क़ुबूल कीजियेगा.
महावीर शर्मा

मन्वंतर ने कहा…

मन को रुची

अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा…

पहले कभी नहीं सुनी लेकिन पसंद आयी.