विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर
कार्यालय ४०१ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाऊन, जबलपुर ४८२००१
विश्व कीर्तिमान रचता काव्य संकलन ''चंद्र विजय अभियान'' विमोचित
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जबलपुर, ३१ मई। "चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर आरोहण कर भारत को विश्व में प्रथम स्थान पर प्रतिष्ठित करने वाले अभियंताओ, वैज्ञानिकों और तकनीकविदों के सम्मान में 'चंद्र विजय अभियान' नामक संकलन की संकल्प हिंदी साहित्य में अपनी तरह का प्रथम और महत्वपूर्ण प्रयोग है। ऐसा समय साक्षी साहित्य भावी पीढ़ियों का पथ प्रदर्शन करता है। इस हेतु विश्व वाणी हिंदी संस्थान था संपादक आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' के साथ सभी २१३ सहभागी साधुवाद के पात्र हैं। अभियांत्रिकी शिक्षा में हिंदी का प्रयोग दिनों-दिन बढ़ रहा है किंतु अभी भी कठनाइयाँ बहुत हैं। कई शाखाओं में हिंदी में पुस्तकें उपलब्ध नहीं हैं।'' डॉ. राजीव चाँडक प्राचार्य शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय जबलपुर ने उक्त विचार सारस्वत अतिथि की आसंदी से विश्व कीर्तिमान स्थापित कर रहे काव्य संकलन 'चंद्र विजय अभियान' का लोकार्पण करते हुए व्यक्त किए। इसके पूर्व जानकी रमण महाविद्यालय में संस्था की कार्यकारिणी बैठक में ऑपरेशन सिंदूर पर एक स्मारिका द्वारा सेनाओं का अभिनंदन करने तथा पर्यावरण चेतना जाग्रत करने हेतु फुलबगिया काव्य संकलन द्वारा पर्यावरण चेतन जाग्रत करने की घोषणा डॉ. मुकुल तिवारी ने की। आरंभ में सरस्वती वंदना तथा बांग्ला कविता का सुमधुर पाठ श्रीमती क्षिप्रा सेन ने किया। हैदराबाद से पधारी श्रीमती सुनीता परसाई ने भुआणी में काव्य पाठ किया। नव पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हुए सुश्री ईशिता मिश्रा ने भी काव्य पाठ किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ख्यात दंत शल्यज्ञ डॉ. रोहित मिश्र ने हिंदी में विज्ञान और तकनीक संबंधी लेखन को युग की जरूरत बताते हुए दंत चिकित्सा के अध्ययन हिंदी बनाए जाने से सहमति व्यक्त की तथा संकल्प किया कि दंत विज्ञान की एक पुस्तक हिंदी में यात्री शीघ्र लिखेंगे। संकलन में सम्मिलित जबलपुर के ४० रचनाकारों को ससम्मान कृति भेंट करते हुए प्रसिद्ध छंद शास्त्री-समीक्षक इं. संजीव वर्मा 'सलिल' चेयरमैन इंडियन जिओटेक्नीकल सोसायटी जबलपुर चैप्टर ने केंद्र तथा राज्य शासन से सभी तकनीकी तथा विज्ञान संबंधी पाठ्यक्रम हिंदी माध्यम से पढ़ाए जाने को आदिवासी, श्रमिक, दलित तथा निम्न वर्ग के बच्चों की उन्नति के लिए आवश्यक बताया। अपनी मारिशस यात्रा के अनुभव सुनाते हुए वक्ता ने हिंदी के तकनीकी पाठ्यक्रम उन देशों में भी आरंभ किए जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय हैं। सद्य लोकार्पित काव्य संग्रह में ५ देशों के २१३ रचनाकारों द्वारा ५२ भाषा-बोलिओं में २७० रचनाएँ एक वैज्ञानिक परियोजना पर लिखे जाने का ऐतिहासिक सारस्वत अनुष्ठान ने संस्कारधानी की गौरव वृद्धि की है।
''हिंदी में विज्ञान परक लेखन - दशा और दिशा' विषय पर बोलते हुए सारगर्भित संगोष्ठी में श्रीमती छाया शुक्ला ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में अद्यतन वैज्ञानिक प्रगति के अनुरूप ही नहीं भावी विकास को दृष्टि में रखते हुए परिवर्तन किए जाने को आवश्यक बताया। युवा कवि अजय मिश्र ने हिंदी में विज्ञान परक लेखन को अपर्याप्त मानते हुए इस दिशा में प्रचुर प्रयास किए जाने पर बल दिया। जानकी रमन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अभिजात कृष्ण त्रिपाठी ने विज्ञान तथा अभियांत्रिकी शिक्षा संबंधी पाठ्य क्रमों में नव वैज्ञानिक प्रगति के अनुरूप निरंतर परिवर्तन किए जाने के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा को व्यवसायोन्मुख बनाए जाने की जरूरत प्रतिपादित की। आभार प्रदर्शन गजलकार मीना भट्ट ने किया। आयोजन को सफल बनाने में डॉ. अस्मिता शैली, डॉ. अल्पना श्रीवास्तव, इं. सुरेन्द्र सिंह पवार, एड. सलप नाथ यादव, काली दास ताम्रकार, मदन श्रीवास्तव, डॉ. सुरेन्द्र साहू 'निर्विरोध', आदि ने सराहनीय योगदान किया।
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विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर
लोकार्पण विश्व कीर्तिमानधारी संकलन "चंद्र विजय अभियान"
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दिनाँक - ३१ मई २०२५ समय - अपराह्न २.३० बजे से
स्थान - जानकी रमण महाविद्यालय, बलदेव बाग जबलपुर
अध्यक्ष - आचार्य संजीव वर्मा ''सलिल''
मुख्य अतिथि - डॉ. रोहित मिश्र, दंत शल्यज्ञ
विशेष अतिथि -
संचालन - डॉ. मुकुल तिवारी, सचिव अभियान
सभी साहित्यकारों की उपस्थिति समय पूर्व प्रार्थनीय है।
भवदीय
बसंत शर्मा, अध्यक्ष मीना भट्ट, उपाध्यक्ष
डॉ.मुकुल तिवारी सचिव, छाया सक्सेना, मुख्यालय सचिव
डॉ. अरुणा पांडे, कोषाध्यक्ष अस्मिता शैली, कला सचिव
प्रीति श्रीवास्तव, संगीत सचिव अशोक श्रीवास्तव ''सिफर'' प्रचार सचिव
अभियान परिवार
विश्व कीर्तिमान रचता काव्य संकलन ''चंद्र विजय अभियान'' मारिशस में विमोचित
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मारिशस। 'भारत से पधारे साहित्यकारों मित्रों ने हम दोनों देशों के मध्य सांस्कृतिक सेतु को सुदृढ़ किया है। ''चंद्र विजय अभियान'' काव्य संकलन ने हिंदी की वैज्ञानिक विषयों पर अभिव्यक्ति और सामर्थ्य का परिचय दिया है। ५ देशों के २१३ रचनाकारों द्वारा ५२ भाषा-बोलियों में भारत के अद्भुत चंद्र अभियान पर कविता कर विश्व कीर्तिमान रचा जाना गौरव का विषय है।'' मारीशस को भारत का लघु रूप निरूपित करते हुए उक्त विचार मारीशस के स्वास्थ्य-आरोग्य मंत्री श्री अनिल कुमार बाचू ने सनातन धर्म टेंपल फेडरेशन में इं. संजीव वर्मा 'सलिल' के सम्पादन में प्रकाशित काव्य संकलन ''चंद्र विजय अभियान'' का विमोचन करते हुए व्यक्त किए।
इसके पूर्व डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, सचिव साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था मुंबई ने संपादक सलिल जी का संक्षिप्त परिचय देते हुए संस्था की गतिविधियों से मुख्य अतिथि को परिचित कराया। डॉ. सिंह ने राम कथा विश्व कोश के ६० खंडों की वृहद योजना का विवरण प्रस्तुत करते हुए भारत और मारीशस को जोड़ने में राम कथा की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
संकलन की विशेषताओं और इसकी सामग्री संचय में आई पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह देश भरत
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