बड़े भैया !
विख्यात हिंदीविद, उपन्यासकार, नाटककार
डॉ. सुरेश वर्मा के जन्म दिवस पर
अनंत प्रणाम, शुभकामनाएँ

गहरी आँखें, गहरा चिन्तन, सुमधुर मीठे बोल
कलम चले जब रख देती है सच अनजाना खोल
चिन्तन-मनन धर्म जीवन का, शब्दाराधन कर्म
शत वंदन कर सलिल धन्य है, फले पुण्य के कर्म
सादर प्रणाम
संजीव
विख्यात हिंदीविद, उपन्यासकार, नाटककार
डॉ. सुरेश वर्मा के जन्म दिवस पर
अनंत प्रणाम, शुभकामनाएँ

गहरी आँखें, गहरा चिन्तन, सुमधुर मीठे बोल
कलम चले जब रख देती है सच अनजाना खोल
चिन्तन-मनन धर्म जीवन का, शब्दाराधन कर्म
शत वंदन कर सलिल धन्य है, फले पुण्य के कर्म
सादर प्रणाम
संजीव
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