रविवार, 15 अप्रैल 2012

एक कविता: सपने में अमन - संजीव 'सलिल'

एक कविता
सपने में अमन

संजीव 'सलिल'
*
'मैंने सपने में अमन देखा है'
एक बच्चे ने हँस कहा मुझसे.
*
दूसरा दूर खड़ा बोल पड़ा:
'मुझको सपने में गोल रोटी दिखी.'
*
तीसरे ने बताया ख्वाब तभी:
'मैंने शिक्षक को पढ़ाते देखा.'
*
चौथा बोला कि उसने सपने में
काम करते हुए बाबू देखा.
*
मौन तज एक बेटी धीरे से
बोली:'मैया ने आज सपने में
मुझे भैया के जैसे प्यार किया.'
*
एक रोगी कराहकर बोला:
'ख्वाब में मेरे डॉक्टर आया,
फीस माँगी नहीं इलाज किया
मेरा सिर घूम रहा चकराया.'
*
'तौल पूरी, बकाया चिल्लर भी
स्वप्न में सेठ ने लौटाए हैं.'
*
'बिना मांगे दहेज़ दूल्हे ने
शादी अपनी विहँस रचाई है.'
*
'खाकी वर्दी ने सही जाँच करी
ये न पाया कि तमाशाई है.'
*
'मेरे सपने में आये नेता ने
अपना बुत चौक से हटाया है.'
*
'पाक ने बंद कैदी छोड़ दिये
और आतंक भी मिटाया है'
*
जितने सपने हैं मेरे अपने हैं
काश साकार 'सलिल' हो पायें.
देवता फिर तभी जनम लेंगे-
आदमी आदमी जो हो जायें.
*
Acharya Sanjiv verma 'Salil'

http://divyanarmada.blogspot.com
http://hindihindi.in

7 टिप्‍पणियां:

  1. Mahipal Singh Tomar ✆ द्वारा yahoogroups.com ekavita


    वाह वाह वाह ,
    आपके इस नए तेवर की , सर्व-आयामीं अद्भुत ,
    रचना के लिए ,हार्दिक बधाई |

    वंदन ,अभिनन्दन ,
    सादर ,
    महिपाल

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  2. achal verma ✆ ekavita


    आदमी , आदमी जब हो जाए
    सारी दुनिया ये स्वर्ग बन जाए

    देवता स्वर्ग के फिर सोंचेंगे
    चलो दुनिया के सैर कर आयें

    अचल वर्मा

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  3. - pratapsingh1971@gmail.com प्रतापरविवार, अप्रैल 15, 2012 5:19:00 pm

    - pratapsingh1971@gmail.com
    आदरणीय आचार्य जी

    बहुत ही भावपूर्ण रचना !
    साधुवाद !

    सादर
    प्रताप

    जवाब देंहटाएं
  4. kusum sinha ✆ekavita


    priy sanjiv ji
    hamesha ki tarah bahut hi komal bhavon ki kavita
    badhai
    kusum

    जवाब देंहटाएं
  5. Mahipal Singh Tomar ✆ द्वारा yahoogroups.com
    ekavita


    आदरणीय,
    ' मैंने सपने में अमन देखा है ' एक बहुआयामी रचना आपकी ही एक अन्य
    रचना के बीच में दब के,अपना जलवा दिखाने से पीछे रह गई ! ?
    यह मुक्तिका ' सपने ' तो सच में इतनी मुक्त है कि ,समाज में व्याप्त कुछ भी ,
    इसकी उडान की पकड़ से बच नहीं पाया |आपकी द्रष्टि और अभिव्यक्ति दोनों
    को नमन | बधाई ,सादर ,
    महिपाल

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  6. 'सपने में अमन' में से सभी कुछ इतना सुन्दर कि काश सब सत्य हो सके!
    पर ये नीचे वाली पंक्तियाँ सबसे अधिक हृदयग्राही :
    *
    'मैंने सपने में अमन देखा है'
    एक बच्चे ने हँस कहा मुझसे.
    *
    दूसरा दूर खड़ा बोल पड़ा:
    'मुझको सपने में गोल रोटी दिखी.' -- ओह , क्या लिख दिया अपने! बहुत ज़रूरी बहुत गंभीर बात!
    नमन स्वीकारें!
    -----------

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