दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
शनिवार, 13 मार्च 2021
क्षणिका
क्षणिका * आमंत्रण है तुम्हें पधारो कोरोना थके न मिटती रिश्वरखोरी सुना कर रहे तुम बरजोरी झटपट आओ, इसे मिटाओ सही न जाए कुछ कोरो ना * संजीव १३.३.२०२० ९४२५१८३२४४
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