शनिवार, 13 दिसंबर 2014

चन्द माहिया : क़िस्त 11


;1:

उल्फ़त की राहों से
कौन नहीं गुज़रा
मासूम गुनाहों से

:2:
आँसू न कहो इसको
एक हिकायत है
चुपके से पढ़ो इसको

:3:
कुछ वस्ल की बातों में
उम्र कटी मेरी
कुछ हिज्र की रातों में

:4:
ये किसकी निगहबानी
हुस्न है बेपरवाह
और इश्क़ में नादानी

:5:
तेरी चाल शराबी है
क्यूँ न बहक जाऊँ
मौसम भी गुलाबी है


-आनन्द पाठक
09413395592

1 टिप्पणी:

  1. ​​
    आनंद ही आनंद है
    माहिए में बहती
    रस सरिता छंद सी है.
    जानदार माहियों के लिए
    बधाई.

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