आज नाग पन्चमी सुभद्रा जयन्ती
सुभद्रा जी के निवास पर रखी आवक्ष प्रतिमा
नाग पंचमी पर विधना ने विष हरने तुमको भेजा
साथ महादेवी ने देकर कहाः 'सौख्य मेरा लेजा'
'वीरों के वसंत' की गाथा, 'मर्दानी' की कथा कही
शिशुओं को घर छोड़ जेल जा, मन ही मन थीं खूब दहीं
तीक्ष्ण लेखनी से डरता था राज्य फिरंगी, भारत माँ
गर्व किया करती थी तुम पर, सत्याग्रह में फूँकी जां
वज्र सरीखे माखन दादा, कुसुम सदृश केशव का संग
रामानुज नर्मदा भवानी कवि पुंगव सुन दुनिया दंग
देश हुआ आजाद न तुम गुटबाजों को किन्चित भायीं
गाँधी-पथ की अनुगामिनी तुम, महलों से थीं टकरायीं
शुभाशीष सरदार ने दिया, जनसेवा की राह चलीं
निहित स्वार्थरत नेताओं को तनिक न भायीं खूब खलीं
आम आदमी की वाणी बन, दीन दुखी की हरने पीर
सत्ता को प्रेरित करने सक्रिय थीं मन में धरकर धीर
नियति नटी ने देख तुम्हारी कर्मठता यम को भेजा
सुरपुर में सत्याग्रहचाहा कहा- 'सुभद्रा को ले आ'
जनपथ पर चलनेवाली ने राजमार्ग पर प्राण तजे
भू ने अश्रु बहाये, सुरपुर में थे स्वागत द्वार सजे
खुद गोविन्द द्वारिका तुम पर अश्रु चढ़ाकर रोये थे
अगणित जनगण ने निज नयना, खोकर तुम्हें भिगोये थे
दीप प्रेरणा का अनुपम तुम, हम प्रकाश अब भी पाते
मन ही मन करते प्रणाम शत, विष पीकर भी जी जाते
Sanjiv verma 'Salil'
salil.sanjiv@gmail.com
http://divyanarmada.blogspot.
amitabh.ald@gmail.com [ekavita]
जवाब देंहटाएंekavita
साधुवाद!
ksantosh_45@yahoo.co.in [ekavita]
जवाब देंहटाएंआ० सलिल जी
सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन पर आधारित
एक सुंदर रचना के लिये बहुत बधाई..
सन्तोष कुमार सिंह
vijay3@comcast.net [ekavita]
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर। बधाई।
सादर,
विजय निकोर
Shriprakash Shukla wgcdrsps@gmail.com [ekavita]
जवाब देंहटाएंआदरणीय आचार्य जी ,
अति सुन्दर । बधाई ।
सादर
श्री
अमिताभ जी, विजय जी, संतोष जी, श्री प्रकाश जी आप सबका हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंजानकार तो समझ ही जाएंगे किन्तु जो अनभिज्ञ हों उनके लिए कुछ संकेत: माखन दादा = माखनलाल चतुर्वेदी, केशव = केशवप्रसाद पाठक, रामानुज = रामानुजलाल श्रीवास्तव 'ऊँट बिलहरीवी', नर्मदा = नर्मदाप्रसाद खरे, भवानी = भवानीप्रसाद तिवारी, सरदार =सरदार पटेल, गोविन्द = सेठ गोविन्द दास, द्वारिका = द्वारिकाप्रसाद मिश्र। रचना में कुछ घटनाओं के संकेत भी हैं.
Mamta Sharma sanmamta@gmail.com [ekavita]
जवाब देंहटाएंआदरणीय सलिल जी ,
अति सुन्दर !
सादर ममता
achal verma achalkumar44@yahoo.com [ekavita]
जवाब देंहटाएंati uttam shraddhaanjali, which is worth collecting. Badhaaiyaan.
mcgupta44@gmail.com [ekavita]
जवाब देंहटाएंअत्यंत विलक्षण अभिव्यक्ति व अभिव्यक्ति-क्षमता है!--
नियति नटी ने देख तुम्हारी कर्मठता यम को भेजा
सुरपुर में सत्याग्रहचाहा कहा- 'सुभद्रा को ले आ'
जनपथ पर चलनेवाली ने राजमार्ग पर प्राण तजे
भू ने अश्रु बहाये, सुरपुर में थे स्वागत द्वार सजे
--ख़लिश
आदरणीय धन्यवाद
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