शिशु गीत सलिला : 1
संजीव 'सलिल'
*
1.श्री गणेश

श्री गणेश की बोलो जय,
पाठ पढ़ो होकर निर्भय।
अगर सफलता पाना है-
काम करो होकर तन्मय।।
*
2. सरस्वती

माँ सरस्वती देतीं ज्ञान,
ललित कलाओं की हैं खान।
जो जमकर अभ्यास करे-
वही सफल हो, पा वरदान।।
*
3. भगवान

सुन्दर लगते हैं भगवान,
सब करते उनका गुणगान।
जो करता जी भर मेहनत-
उसको देते हैं वरदान।।
*
4. देवी

देवी माँ जैसी लगती,
काम न लेकिन कुछ करती।
भोग लगा हम खा जाते-
कभी नहीं गुस्सा करती।।
*
5. धरती माता
धरती सबकी माता है,
सबका इससे नाता है।
जगकर सुबह प्रणाम करो-
फिर उठ बाकी काम करो।।
*
6. भारत माता

सजा शीश पर मुकुट हिमालय,
नदियाँ जिसकी करधन।
सागर चरण पखारे निश-दिन-
भारत माता पावन।
*
7. हिंदी माता

हिंदी भाषा माता है,
इससे सबका नाता है।
सरल, सहज मन भाती है-
जो पढ़ता मुस्काता है।।
*
8. गौ माता

देती दूध हमें गौ माता,
घास-फूस खाती है।
बछड़े बैल बनें हल खीचें
खेती हो पाती है।
गोबर से कीड़े मरते हैं,
मूत्र रोग हरता है,
अंग-अंग उपयोगी
आता काम नहीं फिकता है।
गौ माता को कर प्रणाम
सुख पाता है इंसान।
बन गोपाल चराते थे गौ
धरती पर भगवान।।
*
9. माँ -1

माँ ममता की मूरत है,
देवी जैसी सूरत है।
थपकी देती, गाती है,
हँसकर गले लगाती है।
लोरी रोज सुनाती है,
सबसे ज्यादा भाती है।।
*
10. माँ -2

माँ हम सबको प्यार करे,
सब पर जान निसार करे।
माँ बिन घर सूना लगता-
हर पल सबका ध्यान धरे।।
*
संजीव 'सलिल'
*
1.श्री गणेश
श्री गणेश की बोलो जय,
पाठ पढ़ो होकर निर्भय।
अगर सफलता पाना है-
काम करो होकर तन्मय।।
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2. सरस्वती
माँ सरस्वती देतीं ज्ञान,
ललित कलाओं की हैं खान।
जो जमकर अभ्यास करे-
वही सफल हो, पा वरदान।।
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3. भगवान
सुन्दर लगते हैं भगवान,
सब करते उनका गुणगान।
जो करता जी भर मेहनत-
उसको देते हैं वरदान।।
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4. देवी
देवी माँ जैसी लगती,
काम न लेकिन कुछ करती।
भोग लगा हम खा जाते-
कभी नहीं गुस्सा करती।।
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5. धरती माता
सबका इससे नाता है।
जगकर सुबह प्रणाम करो-
फिर उठ बाकी काम करो।।
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6. भारत माता
सजा शीश पर मुकुट हिमालय,
नदियाँ जिसकी करधन।
सागर चरण पखारे निश-दिन-
भारत माता पावन।
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7. हिंदी माता
हिंदी भाषा माता है,
इससे सबका नाता है।
सरल, सहज मन भाती है-
जो पढ़ता मुस्काता है।।
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8. गौ माता
देती दूध हमें गौ माता,
घास-फूस खाती है।
बछड़े बैल बनें हल खीचें
खेती हो पाती है।
गोबर से कीड़े मरते हैं,
मूत्र रोग हरता है,
अंग-अंग उपयोगी
आता काम नहीं फिकता है।
गौ माता को कर प्रणाम
सुख पाता है इंसान।
बन गोपाल चराते थे गौ
धरती पर भगवान।।
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9. माँ -1
माँ ममता की मूरत है,
देवी जैसी सूरत है।
थपकी देती, गाती है,
हँसकर गले लगाती है।
लोरी रोज सुनाती है,
सबसे ज्यादा भाती है।।
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10. माँ -2
माँ हम सबको प्यार करे,
सब पर जान निसार करे।
माँ बिन घर सूना लगता-
हर पल सबका ध्यान धरे।।
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Dr.Prachi Singh
जवाब देंहटाएंआदरणीय संजीव वर्मा जी,
सादर सुप्रभात
बहुत सुन्दर शिशुगीत. बच्चों को ज़रूर पसंद आयेंगे यह नन्हे नन्हे गीत.
हार्दिक आभार इस बाल रचना के लिए.
rajesh kumari
जवाब देंहटाएंवाह वाह सलिल जी कविताओं के माध्यम से कितनी शिक्षाप्रद बातें कही हैं आपने बच्चों के लिए ही नहीं बड़ों को भी सीख मिलेगी बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए
deepti gupta@yahoogroups.com
जवाब देंहटाएंआदरणीय संजीव जी,
श्री गणेश की बोलो जय,
पाठ पढ़ो होकर निर्भय।
अगर सफलता पाना है-
काम करो होकर तन्मय।। .................. बहुत सुन्दर प्रेरणा ..
माँ सरस्वती देतीं ज्ञान,
ललित कलाओं की हैं खान।
जो जमकर अभ्यास करे-
वही सफल हो, पा वरदान।। ...............अद्वितीय
धरती सबकी माता है,
सबका इससे नाता है।
जगकर सुबह प्रणाम करो-................सुन्दर संस्कारी सन्देश
ढेर सराहना स्वीकारें!
सादर,
दीप्ति
Santosh Bhauwala द्वारा yahoogroups.com
जवाब देंहटाएंआदरणीय आचार्य जी,
बाल गीत बहुत भाये साथ ही प्रेरणास्पद भी, ढेर बधाइयां!!
संतोष भाऊवाला
जवाब देंहटाएंआपके द्वारा सटीक विवेचना से इनकी उपादेयता के प्रति पुनः आश्वस्त हुआ।
गत माह जयपुर यात्रा में कुछ शिशु गीत रचे गए थे। वहां एक सज्जन की दृष्टि उस कागज़ पर पड़ी तो वे बहुत प्रसन्न हुए और उनकी प्रति करने की अनुमति चाही। मुझे विस्मय हुआ तो बोले 'अंगरेजी भाषी शिक्षा के कारण बच्चे रिश्ते-नाते ही भूल गए हैं। केवल अंकल-आंटी याद हैं। बड़ों का भी नाम लेते हैं।'
मैंने सहर्ष अनुमति दे दी। उनके आग्रह पर और गीत रचने का वायदा भी किया जिसकी पूर्ती कर रहा हूँ। शीघ्र ही कुछ और शिशु गीत प्रस्तुत करूंगा।
संतोष जी!
जवाब देंहटाएंआपका आभार। शिशु गीत रचना कठिन कार्य है। शिशु की उच्चारण क्षमता को ध्यान में रखते हुई कोई कठिन शब्द न आये ऐसा प्रयास है। साथ ही वे अर्थ ग्रहण कर याद रख सकें। त्रुटियाँ अवश्य इंगित करियेहा ताकि सुधार कर सकूँ।
जवाब देंहटाएंआ0 आचार्य जी,
बच्चों के लिये नित पूज्य देवी देवताओं के लिए विविध बाल-गीत
शिक्षाप्रद हैं । नमन ।
उत्साहवर्धन हेतु आभार
जवाब देंहटाएंvijay द्वारा yahoogroups.com
जवाब देंहटाएंआ० संजीव जी,
बच्चों के लिए ही नहीं, सभी के लिए यह पठनीय है ।
बधाई ।
विजय
Kanu Vankoti
जवाब देंहटाएंनिसंदेह प्रेरणास्पद 'बाल गीत ' संजीव भाई ,
ढेर साधुवाद ,
सादर,
कनु
कनु जी, विजय जी
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन हेतु धन्यवाद।
Mahipal Singh Tomar@ yahoogroups.com
जवाब देंहटाएंबच्चों को बचपन से संस्कारित करने की दिशा में एक अतुलनीय, श्लाघनीय योगदान इस शिशु गीत के माध्यम से। बधाई संजीव जी
Dr.M.C. Gupta द्वारा yahoogroups.com
जवाब देंहटाएंसलिल जी,
बाल कविताओं को पढ़ना सुखद है.
निम्नलिखित अनुपम, सरल व सत्य है--
माँ ममता की मूरत है,
देवी जैसी सूरत है।
थपकी देती, गाती है,
हँसकर गले लगाती है।
लोरी रोज सुनाती है,
सबसे ज्यादा भाती है।।
--ख़लिश
dks poet
जवाब देंहटाएंआदरणीय सलिल जी,
इन शानदार शिशु गीतों के लिए साधुवाद स्वीकार करें
सादर
धर्मेन्द्र कुमार सिंह ‘सज्जन’
Pratap Singh द्वारा yahoogroups.com
जवाब देंहटाएंआदरणीय आचार्य जी
अति सुन्दर गीत !
सादर
प्रताप
Shriprakash Shukla@yahoogroups.com
जवाब देंहटाएंआदरणीय आचार्य जी ,
मधुर, मनोहारी बाल रचनाओं के लिए ढेर दी बधाईयाँ ।
सादर
श्रीप्रकाश शुक्ल
चंदा ओ मामा
जवाब देंहटाएंचंदा ओ मामा
कल ज़ल्दी आना
चंदा ओ मामा कल ज़ल्दी आना
मेरे लिए एक खिलौना लाना
चंदा ओ मामा
कल ज़ल्दी आना………………………………
ये तेरे तारे
सारे के सारे
ये तेरे तारे सारे के सारे
इनको भी अपने संग ले के आना
चंदा ओ मामा
कल ज़ल्दी आना
चंदा ओ मामा
कल ज़ल्दी आना
मेरे लिए एक खिलौना लाना …………………………………………
अब घर को जाओ
जा के सो जाओ
अब घर को जाओ जा के सो जाओ
मम्मी को अपनी कभी न सताना
चंदा ओ मामा
कल ज़ल्दी आना
चंदा ओ मामा कल ज़ल्दी आना
मेरे लिए एक खिलौना लाना
Dr. Amita TiwariWashington D.C. USA 08/14/12)
sanjiv verma salil salil.sanjiv@gmail.com
जवाब देंहटाएंkhalish ji,
आपका आभार शत-शत।
ये शिशु गीत लगभग 7 वर्ष तक के बच्चे के शब्द भंडार के अनुरूप रचने का प्रयास किया है ताकि वे समझ सकें और कुछ नए शब्द भी सीख सकें। इस श्रंखला के बाद बाल गीत प्रस्तुत करने का विचार है।
*
शिशु सज्जन बन सकें तो, रचना होगी धन्य।
यही लक्ष्य है सृजन का, और न कोई अन्य।।
*
amita ji!
apne manhar baal geet racha hai badhaee. sabhee mitron ko naman.
girish pankaj
जवाब देंहटाएंwaah-waah...amar rachanaaye hai ye sub ..badhai aapkee lekhanee ko.
AmitabhTripathi@yahoogroups.com
जवाब देंहटाएंआ० आचार्य जी,
सुन्दर और शिक्षाप्रद बालगीत!
बधाई!
सादर
vandana
जवाब देंहटाएंसुन्दर श्रृंखला छोटी छोटी रचनाओं की