रविवार, 17 जून 2012

बाल गीत: पाखी की बिल्ली --संजीव 'सलिल'

बाल गीत:
पाखी की बिल्ली
संजीव 'सलिल'
*

 
 




*
पाखी ने बिल्ली पाली.
सौंपी घर की रखवाली..

फिर पाखी बाज़ार गयी.
लाये किताबें नयी-नयी



तनिक देर जागी बिल्ली.
हुई तबीयत फिर ढिल्ली..

लगी ऊंघने फिर सोयी.
सुख सपनों में थी खोयी..



मिट्ठू ने अवसर पाया.
गेंद उठाकर ले आया..

गेंद नचाना मन भाया.
निज करतब पर इठलाया..



घर में चूहा आया एक.
नहीं इरादे उसके नेक..

चुरा मिठाई खाऊँगा. 
ऊधम खूब मचाऊँगा..



आहट सुन बिल्ली जागी.
चूहे के पीछे भागी..

झट चूहे को जा पकड़ा.
भागा चूहा दे झटका..



बिल्ली खीझी, खिसियाई.
मन ही मन में पछताई..




अगर न दिन में सो जाती.
खो अवसर ना पछताती.

******

16 टिप्‍पणियां:

  1. kusumsinha2000@yahoo.com ekavita


    priy salil ji
    aapki ye kavita padhakar to aapke charan chhune ka man karta hai aap to har vidha me kamal hain
    kusum

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  2. आप जैसे व्यक्तित्वों के सत्संग का प्रभाव लिखा लेता है. आपके औदार्य भाव को नत मस्तक प्रणाम कर आशीष की कामना करता हूँ.

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  3. mene ye kavita apki padh li he bahut pyari he apki tarah.

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  4. wah bahut khub sir ji.aaj aapse bate karake sare gam bhul gaya mai.

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  5. Dr. sandhya tiwari

    bahut hi pyari kavita

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  6. संगीता स्वरुप 'गीत'…

    बहुत सुंदर और प्यारा बाल गीत

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  7. Trupti Indraneel…

    बहुत ही प्यारी

    जवाब देंहटाएं
  8. mcgupta44@gmail.com द्वारा yahoogroups.com ekavita


    सलिल जी,

    बहुत मोहक बाल गीत है. अशा है और अधिक बाल कविताएं लिखेंगे.

    --ख़लिश

    ===========================
    --
    (Ex)Prof. M C Gupta
    MD (Medicine), MPH, LL.M.,
    Advocate & Medico-legal Consultant
    www.writing.com/authors/mcgupta44

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  9. rekha_rajvanshi@yahoo.com.au द्वारा yahoogroups.com ekavita


    Aachary ji

    Baalgeet aur animation dono bachchon ke lie rochak hain.
    badhai

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  10. pranavabharti@gmail.com द्वारा yahoogroups.com ekavita


    वाह बहुत खूब आचार्य जी,
    बाल गीत कितना प्यारा ,
    बचपन लाया दोबारा||
    मुझे भ़ी अपनी एक बिल्ली की रचना स्मरण हो आयी| अभी रोक नहीं पाउंगी|
    आज समयाभाव है कळ भेजने का प्रयास करती हूँ|
    आ. आचार्य जी आप इतनी सारी रचनाएं काम के साथ कैसे प्रेषित कर लेते हैं?मैं तो इतनी सुंदर रचनाओं से वंचित ही रह जाती हूँ|सलीके से पढ़ तक नहीं पाती|
    सच में आपकी काव्य की कर्मठता !....... अद्भुत !नमन आपको
    सादर
    प्रणव भारती

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  11. mstsagar@gmail.com द्वारा yahoogroups.com ekavita


    बहुत आकर्षक ,मनमोहक प्रस्तुति ,

    बधाई , साधुवाद - इस बाल-गीत हेतु

    महिपाल

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  12. vandana :

    मस्ती भरे चित्र और मस्त बालगीत

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  13. Akshitaa Pakhi

    Great Shri Sanjiv Verma 'salil' Dada ji...

    Ise main apne Blog par bhi Publish karungin...

    Thanks for this sweet Rhyme.

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  14. ...आज मैंने इसे अपने ब्लॉग पर पोस्ट कर भी दिया. यहाँ देखें-http://pakhi-akshita.blogspot.in/2012/07/blog-post_28.html

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