मुक्तिका:
बोलने से पहले
संजीव 'सलिल'
*

*
बोलने से पहले ले तोल.
बात होगी तब ही अनमोल.
न मन का राज सभी से खोल.
ढोल में सदा रही है पोल..
ठुमकियाँ दें तो उड़े पतंग.
न ज्यादा तान, न देना झोल..
भरोसा कर मत आँखों पर
दिखे भू चपटी पर है गोल..
सत्य होता कड़वा मत बोल.
बोल तो पहले मिसरी घोल..
फिजा बदली है 'सलिल' न भूल.
न बाहर रात-रात भर डोल..
'सलिल' तन मंदिर हो निर्मल.
करे मन-मछली तभी किलोल.
****************
दिव्यनर्मदा.ब्लॉगस्पोट.कॉम
बोलने से पहले
संजीव 'सलिल'
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बोलने से पहले ले तोल.
बात होगी तब ही अनमोल.
न मन का राज सभी से खोल.
ढोल में सदा रही है पोल..
ठुमकियाँ दें तो उड़े पतंग.
न ज्यादा तान, न देना झोल..
भरोसा कर मत आँखों पर
दिखे भू चपटी पर है गोल..
सत्य होता कड़वा मत बोल.
बोल तो पहले मिसरी घोल..
फिजा बदली है 'सलिल' न भूल.
न बाहर रात-रात भर डोल..
'सलिल' तन मंदिर हो निर्मल.
करे मन-मछली तभी किलोल.
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दिव्यनर्मदा.ब्लॉगस्पोट.कॉम
गुड्डोदादी: चिकागो में लाइव आकाशवाणी का कार्यक्रम आ रहा और आपकी मुक्तिता सुनायी आकाशवाणी बहुत लोग खुश हुए और आपको बधाई भेजी
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