दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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रविवार, 25 अप्रैल 2010

माँ को दोहांजलि: संजीव 'सलिल

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माँ को दोहांजलि: संजीव  'सलिल' माँ गौ भाषा मातृभू, प्रकृति का आभार. श्वास-श्वास मेरी ऋणी, नमन करूँ शत बार.. भूल मार तज जनन...
10 टिप्‍पणियां:
गुरुवार, 14 मई 2009

:: पर्यावरण गीत :: -आचार्य संजीव'सलिल'

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फ़र्ज़ हमारा क्या है?, तनिक विचार करें. नहीं गैर का, खुद का तो उपकार करें.. हरी-भरी धरती, शीतल जल हमें मिला। नील गगन नीचे, यह जीवन-सुमन खिला...
1 टिप्पणी:
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