दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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शुक्रवार, 14 अगस्त 2009

भजन: कान्हा जी आप आओ ना -गार्गी

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कान्हा जी आप आओ ना ...... मेरा मन तुम्हे बुला रहा है !! अपनी मधुर मुरली सुनाओ ना .... जो मेरे अन्दर के कोलाहल को मिटा दे !! अपनी साँवरी छवि ...
3 टिप्‍पणियां:
बुधवार, 8 अप्रैल 2009

नव गीत- आचार्य संजीव 'सलिल'

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दिन भर मेहनत आंतें खाली, कैसे देखें सपना?... दाने खोज, खीजता चूहा। बुझा हुआ है चूल्हा। अरमां की बरात सजी- पर गुमा सफलता दूल्हा। कौन बताये इस...
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