दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
मंगलवार, 7 सितंबर 2021
मुक्तक
मुक्तक संजीव * मॉर्निंग नून ईवनिंग नाइट खुद से करते हैं हम फाइट रौंग लग रहा है जो हमको उसे जमाना कहता राइट * आते अच्छे दिन सुना गुड डे कह हम मस्त गुंडे मिलकर छेड़ते गुड्डे-गुड्डी त्रस्त * ७-९-२०१४
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