दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
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सोमवार, 9 अगस्त 2021
चित्र पर मुक्तक
संलग्न चित्र को देखकर मन में उमड़ते भावों को टिप्पणी में प्रस्तुत करें- चित्र पर मुक्तक आँखों में जिज्ञासा, आमंत्रण या वर्जन? मौन धरे अधरों ने पैदा की है उलझन धनुष भौंह पर तीर दृष्टि के चढ़े हुए हैं- नागिन लट मोहे, भयभीत करे कर नर्तन
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